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प्रसव के बाद इन संकेतों को न करें नजरअंदाज, हो सकता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन

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मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे सुखद पल होता है। लेकिन एक महिला को मां बनने के बाद कई तरह के शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।डिलीवरी के बाद महिलाओं को थकावट या कमजोरी का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, कई महिलाओं का वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है। इतना ही नहीं, कई महिलाएं डिलीवरी के बाद तनाव, चिंता या अवसाद से भी घिर जाती है। इस स्थिति में उन्हें उदासी, अकेलापन या निराशा महसूस हो सकती है।

इसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन के रूप में जाना जाता है। दरअसल, पोस्टपार्टम डिप्रेशन इसलिए होता है, क्योंकि बच्चे के बाद मां की जिम्मेदारियां काफी बढ़ जाती हैं। बच्चे के बाद उन्हें हार्मोनल, इमोशनल, सोशल और फाइनेंशियल बदलावों का अनुभव करना पड़ता है। इन सारे बदलावों और जिम्मेदारियों की वजह से महिलाएं डिप्रेशन में आ सकती हैं। लेकिन कई बार महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन को समझ नहीं पाती हैं। ऐसे में आपको इसके लक्षणों पर गौर कर बहुत जरूरी होता है। तो आइए, डॉ चांदनी तुगनैत से विस्तार से जानते हैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन बेहद आम है। डिलीवरी के बाद अधिकतर महिलाओं को इस समस्या से परेशान होना पड़ता है। इस दौरान इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है-

1. निराश रहना

अगर बच्चे को जन्म देने के बाद एक मां हमेशा ही निराश या उदास बैठी रहती है। उसका घर या ऑफिस के काम में मन नहीं लगता है, तो यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन का एक आम संकेत हो सकता है। इतना ही नहीं, इस स्थिति में महिलाएं अपने नवजात शिशु के काम भी ठीक तरह से नहीं कर पाती हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन में महिलाएं बच्चे के रोने या तबियत खराब होने के लिए भी खुद को ही जिम्मेदार समझने लगती हैं। वे हर काम के लिए खुद को दोषी महसूस करती हैं। अगर आपको भी हर वक्त निराशा महसूस होती है, तो एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें।

2. चिंता या तनाव में रहना

जब घर में नवजात शिशु आता है, तो सभी सदस्यों के चेहरे पर खुशी देखने को मिलती है। सभी उत्साहित होते हैं और उसके लिए तैयारियों में लग जाते हैं। एक मां अपने बच्चे के लिए सबसे ज्यादा उत्साहित होती है। लेकिन अगर बच्चे को जन्म देने के बाद भी आपको चिंता या तनाव रहता है। आप अकेला महसूस करते

हैं और हर वक्त दिमाग में कुछ नकारात्मक चलता रहता है, तो यह भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। डिलीवरी के कुछ समय बाद अगर आप खुश होने के बजाय, तनाव में हैं, तो डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है।

3. रुचि कम होना

अगर डिलीवरी के बाद आपका उन चीजों में रुचि कम हो गया है, जिन्हें करने में आपको सबसे ज्यादा आनंद आता था। या आपको अपने हॉबीज या मनपसंद काम करने में भी दिल नहीं लगता है, तो इस संकेत को भी नजरअंदाज न करें। शौक वाली चीजों में रुचि कम होने का मतलब है कि व्यक्ति डिप्रेशन से घिरा हो। पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए आपको अपने हॉबीज पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। यहां तक कि अपने नवजात शिशु में भी कम रुचि दिख सकती है।

4. भूख कम या ज्यादा लगना

डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। ऐसे में अगर महिलाएं समय-समय पर खाना खाती हैं और हेल्दी फूड्स का सेवन करती हैं। लेकिन अगर आपको भूख बहुत कम या ज्यादा लगती है, तो यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। कई महिलाएं इस स्थिति में खाना तक नहीं खाती हैं। इस स्थिति में महिलाओं को होने लगती है।

5. कम या ज्यादा नींद आना

अगर डिलीवरी के बाद आपको हर वक्त नींद आती रहती है या फिर नींद ही नहीं आती है, तो ये भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण माने जाते हैं। जब कोई व्यक्ति सही से नींद नहीं लेता है, तो वह थकावट महसूस कर सकता है। इससे तनाव और चिंता होने लगती है, जिससे वह परेशान हो सकता है। अगर आपको भी कम या ज्यादा नींद आती है, तो एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें।

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