भगवान महादेव के 11 अनमोल वचन जो आपका जीवन, बदल देगा

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1) अतीथ का प्रभाव जब तक मश्तिष्क पर छाया रहता है, नष्ट का कारण ही बनता है। जिसका एक मात्र समाधान

यहीं है कि शीघ्र से अतिशीघ्र अतीत से उभरकर वर्तमान को स्वीकारना होता है।

2) अशांत मन चिंता को जन्म देता है और चिंता मन को ओर अशांत करती है। जिससे निराशा ही उत्पन्न होती है

और निराश मन असफलता का कारण बनता है।

3) आत्मविश्वास अच्छा होता है लेकिन जब वहीं आत्मविश्वास व्यक्ति के अहंकार में परिवर्तित हो जाता है तो

वही आत्मविश्वास व्यक्ति को निर्बल बना देता है।

4) प्रत्येक यात्रा वह बड़ी हो या छोटी, अवश्य ही कोई ना कोई फल देती ही है।

5) असत्य बोलने का तात्पर्य है असत्य को जानते हुए भी सत्य को बदल देना और गोपनीय होने का तात्पर्य है

सत्य का ज्ञात होते हुए भी सत्य को ना कहना।

6) ज्ञान को अपने तक सीमीत रखना ज्ञान का अपमान है और ज्ञान का अपमान केवल अहंकारी ही कर सकता है।

7) उचित समय पर यदि कोई कार्य करना भूल जाये तो उसे पुनः करने के लिए उपयुक्त समय की प्रतीक्षा करनी

पड़ती है।

8) जिस प्रकार सुख की अनुभूति के लिए दुख का आभास अनिवार्य है, उसी प्रकार साहस की अनुभूति के लिए भय

का सामना भी अनिवार्य है।

9) इस संसार मे दायित्व के पूर्ति के मार्ग पर ऐसी कई परिस्थितिया उत्पन्न हो जाती है जहाँ व्यक्ति के मन मे

पाने की प्रसन्नता से अधिक कुछ खोने का दुख उसकी ग्लानि उत्पन्न हो जाती है।

10) जो सदैव अपनी आत्मरक्षा हेतु चिंतित रहते है, जिनके प्रत्येक कर्म के पीछे सर्वोच्च पद को प्राप्त करने की

प्रतिष्ठा की मंशा हो वो किसी ओर की रक्षा करने योग्य हो ही नही सकता।

11) एक महासागर में एक छोटी सी नौका तब तक नही डूब सकती जब तक महासागर का जल उसमे भर नही

जाता। उसी प्रकार हमारे बाहर कितना ही दोष क्यों ना हो, हम नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियो से घीरे ही क्यों न

हो, जब तक हम उनके दोष, उनकी नकारात्मकता को अपने भीतर प्रवेश नही करने देते तब तक हमे कोई भी डूबा

नही सकता।

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