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संस्कृत में ग्रेजुएशन के बाद ये हैं करियर विकल्प, जानें कहां कर सकते हैं पढ़ाई

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संस्कृत न केवल भारत की बल्कि विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। यह भारत सहित कई क्षेत्रों में व्यापक रूप से बोली जाती थी। हालाँकि, समय के साथ इसका उपयोग कम होता गया और आज यह बहुत कम जगहों पर बोली जाती है। लेकिन आज भी संस्कृत बोलने, पढ़ने और लिखने वालों की वही प्रतिष्ठा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि संस्कृत भाषा में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि करियर के भी अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कहां से संस्कृत की पढ़ाई कर सकते हैं और उसके बाद करियर के क्या विकल्प हैं।

संस्कृत भाषा से ग्रेजुएशन के लिए आपके पास 12वीं तक संस्कृति विषय होना चाहिए। जिसमें कम से कम 50 फीसदी अंक होने चाहिए. इसके बाद किसी भी कॉलेज या संस्थान से संस्कृत विषय से ग्रेजुएशन किया जा सकता है। संस्कृत में बैचलर ऑफ आर्ट्स सहित कई अन्य डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी पेश किए जाते हैं। इसके अलावा संस्कृत में मास्टर ऑफ आर्ट्स कोर्स भी उपलब्ध है। एमए के बाद उसी विषय में शोध के लिए पीएचडी भी की जा सकती है, जिससे डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की जा सकती है।

कहां पढ़ाई करें?

संस्कृत, पाली और प्राकृत विभाग, भारतीय अध्ययन संकाय, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय
केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मानसगंगोत्री
संस्कृत विभाग, केरल विश्वविद्यालय
गवर्नमेंट संस्कृत कॉलेज, कलकत्ता
लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली

करियर के अवसर कहां हैं?

संस्कृत पढ़ने के बाद आपके पास मुख्य करियर विकल्प अकादमिक है। आप निजी या सरकारी स्कूलों में संस्कृत शिक्षक बन सकते हैं। इसके अलावा पीजी और पीएचडी करने के बाद यूनिवर्सिटी और कॉलेज में प्रोफेसर बन सकते हैं। इसके साथ ही संस्कृत भाषा में शोध के विकल्प भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, भारतीय संस्कृति के इतिहास, अर्थशास्त्र जैसे पहलुओं को भी संस्कृत पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है। जिसकी मदद से आप संग्रहालयों, पुरातत्व संबंधी क्षेत्रों में अनुवादक के तौर पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालयों में प्राचीन एवं विदेशी भाषा के प्रोफेसर के तौर पर भी नौकरी मिल सकती है।

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