बिजली विभाग के अधिकारियों ने चार हजार की जगह 2.25 लाख रुपये भेज दिये. बिल को मिली ये अनोखी सज़ा
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बिजली विभाग के अधिकारियों ने एक अनोखा कारनामा किया, जिसके बाद उन्हें अनाथालय के लोगों को खाना खिलाने के लिए कहा गया. दरअसल, एक ग्राहक को 4000 का बिल भेजने के बजाय 2 लाख रुपये से ज्यादा का बिजली बिल भेज दिया गया. इस मामले को लेकर वाराणसी में बिजली विभाग के 4 अधिकारियों को सजा के तौर पर अनाथालय के लोगों को खाना खिलाने का निर्देश दिया गया है. यह बिजली बिल साल 1911 में जोड़ा गया था. उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड के इन अधिकारियों को उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने दोषी पाया और उन्हें बिजली बिल घटाकर 3998 रुपये करने का आदेश दिया गया.
कार्यवाही के दौरान आयोग ने आरोपी अधिकारियों से पूछा कि क्या 1911 में यूपीपीसीएल अस्तित्व में थी और क्या तब वाराणसी के लोगों को बिजली मिल रही थी। वाराणसी के रहने वाले उमाशंकर यादव यूपीपीसीएल के एक कनेक्शन पर 2.24 लाख रुपये का बिजली बिल भरने गए थे. उमाशंकर ने इस बिल पर सवाल उठाया लेकिन उन्हें उचित समाधान नहीं मिला
उमाशंकर ने दिसंबर 2022 में सूचना के अधिकार के तहत निगम से जानकारी मांगी। लेकिन जब उन्हें उचित जवाब नहीं मिला तो वे उच्च अधिकारियों के पास गये. अप्रैल 2023 में यादव ने उत्तर प्रदेश आयोग का दरवाजा खटखटाया. राज्य सूचना आयोग के अजय कुमार उप्रेती ने कहा कि परिणामस्वरूप यूपीसीएल के चार अधिकारियों को दोषी पाया गया और उन्हें वाराणसी के 2 अनाथालयों में बच्चों को खाना खिलाने के लिए कहा गया।