गर्भवती महिलाओं को अगर उल्टी आये वो तो क्या करें
उलटियां सभी गर्भवती महिलाओं को नहीं आती। जिन्हें आती हैं, उन्हें भी यह प्रवृति प्रायः प्रथम तीन महीने की रहती है। उसके बाद गर्भ में बच्चा स्थिर हो जाने पर स्वयं ही यह शिकायत दूर हो जाती है। अकसर सुबह उठते ही जी मिचलाता है। कई बार दिन में किसी चीज से अरूचि पैदा होने पर या गंध विशेष को सहन करने पर उलटी हो जाती है। ऐसी सामान्य उलटी से घबराने की जरूरत नहीं। गर्भवती को चाहिए कि जिस चीज से उलटी होती है, वह न लें।
- एक बार में अधिक न खाकर थोड़ी-थोड़ी देर से थोड़ा-थोड़ा खाए। पानी अधिक न पिए।
- सुबह उठकर खाली पेट पानी न पिए।
- सुबह मुंह साफ करने के बाद ग्लूकोज बिस्कुट जैसी कोई हलकी मीठी चीज ले लेनी चाहिए।
- उसके बाद दूध, चाय, नीबू-पानी आदि पेय लेना चाहिए। खाली पेट भी कभी न रहें।
न एक बार में पेट भरकर खाएं, पर उलटी अधिक होती हो, तो डॉक्टर की राय अवश्य लेनी चाहिए, क्योंकि इसके कई कारण होते हैं। डॉ. एस. वोहरा की राय में कभी-कभी पेट में बच्चा अंगूर के गुच्छे जैसा बन जाता है और बार-बार उलटी होने लगती है। जिसका उपाय डॉक्टर ही कर सकती है। डॉ. वोहरा का यह भी कहना है कि उलटी हमेशा प्रारंभिक अस्थिर गर्भ के कारण ही नहीं होती, इसके कुछ मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं, जैसे मातृत्व की अनिच्छा, भय आदि। इसके लिए स्वयं का विश्लेषण कर उस कारण को दूर करना चाहिए या डॉक्टर की राय लेनी चाहिए। पर यह ध्यान रखें कि उलटी के डर से खाना कम न किया जाए। थोड़ा-थोड़ा खाते रहना ठीक होगा। फिर उलटी बंद हो जाने पर खुराक बढ़ा देनी चाहिए।