12th के बाद आजमा सकते हो आप अपनी किस्मत इन फील्ड में नौकरी करके
अगर आप पिछले कुछ दशकों पर नजर डालेंगे तो देखेंगे कि लोगों में खासकर युवाओं का क्रिकेट, हॉकी, तैराकी ,बैडमिंटन जैसे खेलों में शौक बढ़ता जा रहा है। अगर आप भी है मास्टर ब्लास्टर सचिन के दीवाने, और उन्हीं की तरह खेलों की दुनिया में नाम रोशन करना चाहते हैं। तो फिर खेलों की दुनिया में अपना करिअर बना सकते हैं। यहीं एक ऐसा करिअर है जहां पर नाम के साथ-साथ पैसा भी भरपूर है। हम आपको बताते है कुछ ऐसे क्षेत्र जहां पर आप खेल-खेल में अपना भाविष्य उज्जवल बना सकते हैं। इन फील्ड में नौकरी करके।
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खेल पत्रकार-
खेल के क्षेत्र में रूचि है और कुछ नया लिखने पढ़ने का शौक रखते हैं तो आप खेल पत्रकार बनकर अपना करिअर बना सकते हैं। आपको जरूरत है इस लाइन के कुछ तकनीकी शब्दों को जानने की और खेल के नियमों की सही जानकारी होने की। कुछ बातें आपको इस क्षेत्र में कामयाबी दिलाने में मददगार होती हैं।
ट्रेनर-
अगर आप को खेल का शौक है और आप उच्च स्तर पर खेल खेलने के इच्छुक है तो फिर आपको किसी ट्रेन या फिर किसी खेल एक्पसर्ट की जरूरत है किसी भी तरह के खेल में पारंगत होने के लिए आपको के साथ -साथ दूसरे की देख-रेख में काफी कुछ देखना और सीखना पड़ता है। इस तरह, उच्च स्तर पर कोचिंग करना सेवा-निवृत्त खिलाड़ियों के लिए एक व्यावहारिक विकल्प है. यह विकल्प किसी भी उच्च स्तर के खिलाड़ी को उसका करिअर आगे बढ़ाने में भी सहायता करता है क्योंकि खेल से जुड़े किसी भी व्यक्ति का खिलाड़ी के रूप में जीवन सीमित होता है।
रैफरी-
खेल को खेलने से पहले सबसे ज्यादा जरूरत होती है खेल भावना की। अगर खेल को सही खेल भावना से खेला जाएगा तभी आप उसमे सफलता प्राप्त कर सकते हैं । इसी तरह हर खेल के नियम भी होते है। खेल को सही तरह से खेला गया है या नहीं यह देखने के लिए ऐसे आदमी की जरूरत होती है जो पक्षपात रहित निर्णय ले सकें। ऐसे में रैफगी बनकर आप खेल में करिअर बना सकते हैं।
खेल मीडिया-
लोगों में खेलों को लेकर बढ़ते क्रेज ने खेल बाजार की मांग में तेजी ला दी है। और इसकी कवरेज के लिए खेल मीडिया की पूरी जिम्मेदारी होती है । ऐसे में खेल में निरंतर होने वाले विकास ने खेल मीडिया के विकास को जन्म दिया है। पहले कुछ रिपोर्टर एवं एक या दो स्टिल फोटोग्राफर ही किसी खेल की रिपोर्ट देने के लिए पर्याप्त हुआ करते थे।
खेल-पत्रकारिता-
लोगों की खेलों में बढ़ती हुई रूचि ने खेल पत्रकारिता को बढ़ावा दिया है। आजकल अधिकांश समाचारपत्रों एवं टीवी चैनलों की एक मजबूत खेल कवरेज टीम होती है. एक खेल डैस्क में समान्यतः 40 व्यक्ति होते हैं, जिनमें खेल सम्पादक, विभिन्न खेलों में पत्रकार, उप-सम्पादक, , पेज डिजाइनर आदि शामिल होते हैं.
कमेंटेटर-
रिपोर्ट लेखन के अतिरिक्त खेल कमेंटेटर बनने का भी विकल्प है. इस कार्य के लिए अच्छे वेतन का भुगतान किया जाता है। इनका काम किसी भी मैच का आंखों देखा हाल बताना श्रोता गण को बताना होता है।
खेल फोटो पत्रकार-
खेंल को सिर्फ इसलिए ही नहीं खेला जाता कि उसे केवल देखा और खत्म। पाठक को उसकी पूरी जानकारी देने के लिए उसके चित्रों को खीच कर उसका रिकॉर्ड रखा जाता है ताकि उसे दूसरे लोगों को भी दिखाया जा सके इस तरह आप खेल फोटो पत्रकार बनकर करिअर को नई दिशा दें सकते हैं। दूरदर्शन एवं खेल-चैनलों के आगमन के साथ ही खेल-कैमरा कर्मियों की मांग व्यापक हो गई है वैसे किसी भी खेल की फोटो खीचंना बहुत ही अनुभव नौकरी का काम है । आंखों देखा हाल बताना बहुत ही मेहनत का काम है जिसमे बहुत ही अनुभव और मेहनत की आवश्कता है।
खेल जन-सम्पर्क व्यवसायी-
अनेक जन- सम्पर्क एजेंसियां ऐसे खेलों से जुड़ी हुई हैं जिनमें खेलों की जानकारी रखने वाले जन-सम्पर्क व्यवसायियों की आवश्यकता होती है. खेल फेडरेशनों को जन-सम्पर्क प्रबंधकों की,इवेंट आयोजकों को जन-सम्पर्क प्रबंधकों की और यहां तक कि खिलाड़ियों को भी नौकरी जन सम्पर्क विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है।