शी जिनपिंग: सत्ता मिलने के बाद साफ-सुथरे फैसले लेंगे राष्ट्रपति, जानिए विशेषज्ञों की राय
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार देश के राष्ट्रपति बने हैं। इसके बाद शी जिनपिंग चीन में माओ त्से तुंग से भी ज्यादा ताकतवर नेता बन गए हैं। विश्लेषकों ने कहा कि अब शी जिनपिंग आने वाले दिनों में विदेशी मामलों, अर्थव्यवस्था और मानवाधिकारों पर कड़े फैसले ले सकते हैं।
शी जिनपिंग की टीम में शी जिनपिंग के करीबी नेता शामिल हैं। उनके करीबी लोगों को चीन की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में पदोन्नत किया गया है। हालांकि शी जिनपिंग की टीम में एक भी महिला को मौका नहीं मिला है। इस प्रकार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में यह स्पष्ट हो गया कि शी जिनपिंग चीन में सत्ता का केंद्र है। कुछ अधिकारी कह रहे हैं कि शी जिनपिंग ने अब पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति को अपने करीबी दोस्तों से भर दिया है। इस वजह से वह काफी मजबूत हो गए हैं और अब उनके मनमाने फैसले चीन में देखे जा सकते हैं।
जिनपिंग अब चीन में एक राजा और तानाशाह के रूप में उभरे हैं। वहीं एक चीनी पत्रकार ने कहा कि चीन अब माओ के दौर से गुजर रहा है. हालांकि, पत्रकार ने अपनी पहचान का खुलासा नहीं करते हुए कहा कि ऐसा करना उनके लिए खतरनाक होगा और कई लोगों को लगता है कि चीन पर अब एक आदमी का शासन है।