पर्व के छठे दिन करें ये खास उपाय, दूर होगा सूर्य दोष, हर खतरे से मिलेगी राहत
देश के कुछ हिस्सों जैसे बिहार, झारखंड आदि में छठ पूजा का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। चार दिवसीय इस पर्व में छठ मैया और सूर्य भगवान की पूजा करनी है। त्योहार दिवाली के तीन दिन बाद शुरू होता है। छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर चार दिनों तक चलता है। इस बार छठ पर्व 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होगा।
छठ व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है
हिंदू कैलेंडर के अनुसार 28 अक्टूबर को नहाय खाई और 29 अक्टूबर को खरना कहा जाता है। जिसमें महिलाएं चट्टी मैया और सूर्यदेव के लिए व्यंजन बनाती हैं। इस दिन ठेकुआ विशेष रूप से बनाया जाता है। इसके बाद 30 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य होगा। 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महोत्सव का समापन होगा। छठ व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस दिन किए गए कुछ उपाय सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं।
छठ पूजा के दिन करें ये उपाय
- छठ पूजा लगातार 36 घंटे तक बिना भूख-प्यास के व्रत में की जाती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके दरभा आसन पर बैठ जाएं। सामने एक सफेद कपड़ा बिछाएं और उस पर सूर्य देव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद सूर्य देव की पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का सेवन करें। पूजा में लाल रंग के फूलों का प्रयोग करें।
- छठ पर्व के दिन सुबह स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद गुड़ और कच्चे चावल को बहते पानी में धो लें। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए गुड़ में पके चावल और दूध का सेवन करें। इससे सूर्य देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
- इस दिन जल्दी उठें, स्नान आदि करें। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश आसन पर बैठे रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करें।
- इसके अलावा छठ पर्व के दिन तांबे का सिक्का या चौकोर टुकड़ा बहते पानी में प्रवाहित करें। यह कुंडली में सूर्य दोष को दूर करता है। इसके साथ ही लाल कपड़े में गेहूं और गुड़ का दान करने से भी आपकी हर मनोकामना पूरी होती है.