क्या थी गिलहरी की कहानी जो उसे एक परिवार ने दिया सहारा जाने केसे
साउथ कैरोलिना शहर में रहने वाले ब्रेंटली हैरिसन और उनके परिवार ने उस समय एक बच्चे की गिलहरी की मदद की, जब एक उल्लू ने उस पर हमला किया था और वह घायल हालत में उनके घर के बाहर मिली थी। उस समय बेबी गिलहरी केवल 4 सप्ताह की ही रही होगी। उसे बचाने की मदद से हैरिसन फैमिली ने बखूबी उसका इलाज किया था। हालांकि, उस समय, वह नहीं जानते थे कि इस इलाज के माध्यम से उसके साथ जीवन का एक रिश्ता जुड़ जाएगा।
जब हैरिसन फैमिली को गिलहरी मिली, तो वह बहुत छोटी और जख्मी स्थिति में थी। जिसके बाद उन लोगों ने उसे तब तक अपने पास रखा जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो गई। वह गिलहरी के भोजन का भी पूरा ध्यान रखते थे। यहां तक कि उन्होंने उसका नाम भी ‘बेला’ रख दिया था।
कुछ महीनों के बाद, जब बेला पूरी तरह स ठीक हो गई, तो परिवार ने उसे घर के पास एक जंगल में छोड़ दिया। उन्हें लगा कि बेला अब दोबारा नहीं मिलेगी। लेकिन उनकी यह सोच कुछ ही दिनों में बेला ने गलत साबित कर दिया।
गिलहरी को परिवार से इतना लगाव था कि जंगल में जाने के बाद भी वह उससे मिलने आने लगी। बेला रोज उसके घर आती और फिर वह खिड़की में बैठ जाती, जब तक कि किसी ने उसे नोटिस नहीं करता। यह सिलसिला अगले 8 सालों तक चलता रहा। यहां तक कि जब वे लोग बगीचे में बैठते थे, तो वे भी उनके साथ खेलने लगती।
हमेशा की तरह, जब एक दिन बेला उन लोगों के घर पहुंची, तो उसने देखा कि उसके पैर में चोट लगी है। उसके बाद, परिवार ने एक बार फिर उसे अपने साथ रखने का फैसला किया, जब तक कि वह ठीक नहीं हो जाती। परिवार ने फिर से उसकी देखभाल शुरू कर दी।
कुछ दिनों के इलाज के बाद, जब एक दिन परिजनों ने स्थिति जानने के लिए उसके पिंजरे में गिलहरी को देखा, तो वह हैरान रह गये। दरअसल पिंजरे के अंदर बेला के साथ तीन छोटे गिलहरी भी थे। बेला ने अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी और महत्वपूर्ण क्षणों को उन्हीं लोगों के साथ साझा किया। अब बेला खुद चाहती थी कि उसके बच्चे उसी घर में पैदा हों या यह घटना एक संयोग था, इस बारे में कोई नहीं बता सकता