40 वर्ष की आयु के बाद लोगों को हंसना-हंसाना क्यों जरूरी है ?
लाइफस्टाइल : हंसी कई प्रकार की होती है और हर तरह की हंसी शारीरिक तथा स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। लेकिन खुलकर हंसने से सबसे अधिक लाभ होता है। इससे तन-मन में दबे भावावेग बाहर निकल जाते हैं, शरीर को आंतरिक अंगों का प्राकृतिक रूप से व्यायाम हो जाता है तथा नाक के द्वारा शरीर में पर्याप्त वायु पहुंचती है जिससे फेफड़े शक्तिशाली बनते हैं। वैज्ञानिकों के खुलकर हंसने से शरीर के अंदर ऐसे हार्मोन्स पैदा होते हैं जो रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि करते हैं। इसके अतिरिक्त हंसने से मन-मस्तिष्क तरोताजा और हल्का हो जाता है।
चालीस वर्ष की आयु के बाद हंसना हँसाना विशेष रूप से उपयोगी तथा स्वास्थ्यवर्धक सिद्ध होता है। अत: प्रत्येक व्यक्ति को दिन में कम-से-कम दो बार अवश्य हंसना चाहिए। स्वाभाविक हंसी लाने के लिए पहले बनावटी रूप से हंसिए।
अच्छा हो कि आपके साथ दो-तीन लोग और हों, जो हंसने का लाभ उठाना चाहते हों। दो-तीन लोगों के साथ होने पर हंसी जल्दी आती है। अधेड़ उम्र के दोस्त एक-दूसरे के शरीर को गुदगुदाकर आसानी से हंसी ला सकते हैं। यदि पति-पत्नी एक-दूसरे को गुदगुदाकर हंसाने का प्रयत्न करें तो इससे उनका शारीरिक व्यायाम भी होगा और परस्पर प्रेम में वृद्धि भी होगी। इस प्रकार उनके जीवन में आई नीरसता दूर होकर नवीन उमंग का संचार होगा।