कौन हैं NCP के राजा कौन? चुनाव आयोग ने शरद पवार को भेजा नोटिस, अजित पवार के दावे पर मांगा जवाब
कौन हैं NCP के राजा कौन? चुनाव आयोग ने शरद पवार को भेजा नोटिस, अजित पवार के दावे पर मांगा जवाब
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन के बाद शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच राजनीतिक तनाव जारी है। दोनों खेमे खुद को असली एनसीपी बताते हुए पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा कर रहे हैं. अजित पवार के गुट ने एनसीपी पर दावा करते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया. जूनियर पवार की याचिका पर अब चुनाव आयोग ने शरद पवार के गुट को नोटिस जारी कर उनके दावे पर जवाब मांगा है.
दरअसल, एनसीपी संस्थापक और अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर अजित पवार राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। इस बीच अजित पवार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि उनके साथ आए एनसीपी के 8 विधायकों को मंत्री बनाया गया. इसके बाद अजित पवार ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए अपने समूह को असली एनसीपी घोषित कर दिया.
इसके बाद शरद पवार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र कैबिनेट में शपथ लेने वाले अजित पवार समेत 9 एनसीपी विधायकों और दो सांसदों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस जारी कर दिया. इसके साथ ही अजित गुट के साथ गए पार्टी पदाधिकारियों को भी निष्कासित कर दिया गया.
अजित गुट ने चुनाव आयोग से एनसीपी पर दावा ठोका है
ऐसे में अजित पवार खेमे ने चुनाव आयोग को याचिका देकर कहा है कि एनसीपी के ज्यादातर विधायक, पार्टी सदस्य और जिला स्तर के अधिकारी उनके साथ हैं. इसलिए वे एकमात्र विधायक दल और राजनीतिक दल हैं और ऐसे में एनसीपी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न उन्हें सौंपा जाना चाहिए।
इसके साथ ही चुनाव आयोग के समक्ष दायर याचिका में अजित पवार के समूह ने दावा किया है कि 30 जून को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी, जिसमें अजित पवार को शीर्ष पद के लिए चुना गया था.
अजित पवार की इस बगावत के बाद शरद पवार ने कहा कि वह कानूनी लड़ाई नहीं लड़ेंगे, बल्कि सीधे जनता के बीच जाएंगे. हालाँकि, अब जब चुनाव आयोग ने शरद पवार समूह को नोटिस जारी किया है, तो उन्हें कानूनी लड़ाई में शामिल होना होगा।