सोने की लंका आखिर कहाँ गयी, पढ़िए पूरा सच इसके बारे में
हम सब ने रामायण तो पढ़ी ही होगी. रामायण में कुछ बातें है जिनका उल्लेख नहीं किया गया है. आज में आपको बताने वाली हुं रावण की लंका नगरी से जुड़े कुछ सच जिनके बारे में काफी कम लोगो को पता होगा. रावण की लंका पूरी सोने की थी ये बात सबको पता है लेकिन प्रश्न ये है की इतनी बड़ी सोने की लंका आखिर गयी कहाँ?
कहा जाता है की इंग्लैंड में एक समय में उन लोगो के घरों में सोने चाँदी के बर्तन होते थे. यह स्थिति द्वितीय विश्व युद्ध तक थी. ये सब सोना भारत से आया था. एक ब्रिटिश जहाज के कप्तान ने अपनी किताब में लिखा है की 1872 में एक ब्रिटिश जहाज श्रीलंका के पूर्वी किनारे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमे भारत से चोरी किया हुआ सोना था. वो जहाज किनारे पर ही अटक गया था और भयंकर तूफान के चलते समुद्र में डूब गया था. तूफान के ख़तम होने के बाद अंग्रेजो ने उस जहाज को खोजने की कोशिश की पर वो मिला नहीं.
1905 में फिर से ब्रिटिशो ने उसी जगह जहाज की तलाशी शुरू की. उन लोगो को जहाज का सोना मिल गया पर जमी कोरल से ये पता चला की वो जहाज का सोना नहीं है. कोई दूसरा हज़ारों साल से पड़ा हुआ सोना है. कहा जाता है की उन लोगो ने करीब 100 जहाज सोना निकाला था. वो सोना कोई और नहीं पर रावण की लंका का था जो हज़ारों साल पहले समुद्र में डूब गयी थी.
जहाज के कप्तान हेनरी राफेल ने अपनी बुक ‘माय जर्नी ऑफ़ इंडिया’ में लिखा है कि ‘शुरूआती खोज के दौरान सिर्फ 2-3 लोग ही थे पर वो सोना मिलने के बाद काफी सारे लोगो को सोना निकालने के लिए काम पे लगा दिया और उस जगह को सील कर दिया. मैंने पूरा माजरा समझना चाहा तो मेरा ट्रांसफर साउथ अफ्रीका कर दिया. शायद वो कोई हज़ारों साल पुराना प्राचीन भारत का सोना था.’
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