टीवी देखना जल्द हो सकता है सस्ता, ट्राई ने सरकार से की सिफारिश
नई दिल्ली: केबल टीवी देखने वालों को निकट भविष्य में अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। दरअसल, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सरकार से एक सिफारिश की है. अगर यह सिफारिश लागू होती है तो डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) ऑपरेटरों को लाइसेंस शुल्क नहीं देना होगा। जाहिर तौर पर वे ग्राहकों को कुछ न कुछ फायदा देंगे ताकि उनका यूजर बेस मजबूत हो. इसका मतलब है कि निकट भविष्य में महंगाई के मौसम में आपके लिए टीवी देखना सस्ता हो सकता है।
ट्राई ने सरकार को अपनी सिफारिश में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2026-2027 से डीटीएच ऑपरेटरों के लिए लाइसेंस शुल्क समाप्त कर दिया जाना चाहिए ताकि वे लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन कर सकें। ट्राई का कहना है कि अगले तीन साल में डायरेक्ट-टू-होम ऑपरेटरों के लिए लाइसेंस शुल्क शून्य किया जाना चाहिए। हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि सरकार इस सिफारिश पर क्या रुख अपनाती है, लेकिन अगर इसे मान लिया गया तो केबल टीवी के आम दर्शकों को भी इसका फायदा मिलेगा.
सरकार को लिखे पत्र में ट्राई ने कहा कि डीटीएच प्लेटफॉर्म को अन्य विनियमित और अनियमित वितरण प्लेटफॉर्म जैसे मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ), हेडेंड इन द स्काई (एचआईटीएस) ऑपरेटरों, आईपीटीवी प्रदाताओं, डीडी फ्री डिश और ओटीटी के साथ एकीकृत किया जाएगा। सेवाओं को उन लोगों के बराबर माना जाना चाहिए जो कोई लाइसेंस शुल्क नहीं देते हैं। बता दें कि पिछले कुछ सालों में डीडी फ्री डिश, प्रसार भारती के फ्री डीटीएच प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म की वजह से डीटीएच सेक्टर पिछड़ रहा है। मार्च 2023 तक, 4 पे-डीटीएच प्लेटफॉर्म के सक्रिय ग्राहकों की संख्या 65.25 मिलियन थी।
ट्राई ने अपनी सिफारिश में कहा कि डीटीएच लाइसेंस शुल्क को मौजूदा सकल राजस्व (एजीआर) के 8% से घटाकर 3% किया जाना चाहिए जब तक कि लाइसेंस शुल्क शून्य न हो जाए। ट्राई की सिफारिश पर डिशटीवी के प्रवक्ता का कहना है कि लाइसेंस शुल्क का मुद्दा काफी समय से लंबित है। हम हमारी आवाज को सशक्त बनाने के लिए ट्राई के आभारी हैं। एक अनुमान के मुताबिक, निजी डीटीएच ऑपरेटर लाइसेंस शुल्क के रूप में सालाना 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान करते हैं।