तुलसीदास जी ने नारी से संबन्ध में ये अत्यंत गोपनीय बातें कही क्या आपको पता है?
रामायण के रचयिता तुलसीदास जिन्होंने स्त्रियों के बारे में कहीं हैं। 3 मुख्य बातें
1- तुलसीदास जी कहते हैं। कि वक्त खराब होने पर धीरज, धर्म, मित्र और नारी की परीक्षा होती है। क्योंकि अच्छे वक्त में तो सब साथ देते हैं, लेकिन बुरे वक्त में कोई भी साथ नहीं देना चाहता इसलिए खराब वक्त आने पर स्त्री की भी परीक्षा होती है। और तभी आपको अंदाजा हो जाएगा कि आपका कौन शुभचिंतक है।
2- जो पुरुष अपनी पत्नी को छोड़कर अन्य सभी स्त्रियों को अपनी मां-बहन के बराबर समझता है।
उसके मन में ईश्वर वास करते हैं, और उसका कल्याण होता है
तुलसीदास जी ने अपने इस दोहे के माध्यम से कहा है कि सुंदर स्त्री को देख कर हर पुरुष उस पर मोहित हो जाता है।
यहाँ तक कि समझदार व्यक्ति भी सुंदर स्त्री के मोह में आकर सब कुछ छोड़ कर उसके पीछे चलने लगते हैं।
मोर भी सबको अपनी ओर आकर्षित करता है और उसके रूप को देख कर सब उस पर मोहित हो जाते हैं
लेकिन जब वह सांप खाता है तो सबका भ्रम टूट जाता है।
इसलिए कभी किसी की खूबसूरती के पीछे नहीं भागना चाहिए
बल्कि मनुष्यों के गुणों की कदर करनी चाहिए।
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3- तुलसीदास जी कहते हैं। कि कभी भी मनुष्य को चमकीली वस्तु की तरफ आकर्षित नहीं होना
चाहिए चाहे वह स्त्री हो या अन्य वस्तु जो लोग सुंदरता की ओर उसके पीछे भागते हैं।
वह हमेशा विनाश की ओर जाते हैं।