केंद्र सरकार ने आधार कार्ड के नियमों में किया बड़ा बदलाव, हर 10 साल में एक बार करना होगा ये काम
सरकार ने आधार नियमों में संशोधन किया है, जिसके तहत अब आधार कार्ड धारक के लिए पहचान और निवास संबंधी दस्तावेजों को हर 10 साल में कम से कम एक बार अपडेट करना अनिवार्य है। सूत्रों ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा आधिकारिक गजट में प्रकाशित एक अधिसूचना के अनुसार, आधार को अपडेट करने से केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी में प्रासंगिक जानकारी की लगातार सटीकता सुनिश्चित होगी।
मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि आधार के नामांकन की तारीख से हर 10 साल पूरे होने से पहले आधार धारक को कम से कम एक बार पहचान और निवास प्रमाण पत्र दस्तावेजों को अपडेट करना होगा। यह सीआईडीआर में आधार संबंधी जानकारी की निरंतरता के आधार पर सटीकता सुनिश्चित करेगा।
सूत्रों ने बताया कि आधार विनियमों के प्रावधानों में बदलाव किया गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई ने पिछले साल लोगों से आग्रह किया था कि अगर उन्हें आधार नंबर मिले 10 साल से ज्यादा हो गए हैं और उन्होंने फिर से प्रासंगिक जानकारी अपडेट नहीं की है, तो उन्हें अपनी पहचान और निवास प्रमाण पत्र के दस्तावेजों को अपडेट करना चाहिए।
यूआईडीएआई ने आधार धारकों की सुविधा के लिए ‘अपडेट डॉक्यूमेंट’ की एक विशेषता विकसित की है। इस सुविधा का लाभ ‘माई आधार’ एप के जरिए ऑनलाइन लिया जा सकता है। संबंधित व्यक्ति इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर भी जा सकता है।
नई सुविधा के माध्यम से आधार धारक पहचान प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र दस्तावेजों को अपडेट करके प्रासंगिक जानकारी को फिर से सत्यापित कर सकता है। यूआईडीएआई ने कहा कि अब तक 134 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि यूआईडीएआई के नए उपायों के बाद कुछ आधार धारकों को अपनी जानकारी अपडेट करने की आवश्यकता होगी या नहीं।