सिर्फ तुझे ही सोचते रहना मेरी आदत बन गयी, वो सलामत रहे यही फरियाद करते है
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता।
मेरी बस एक तमन्ना थी जो हसरत बन गयी,
कभी तुमसे दोस्ती थी अब मोहब्बत बन गयी,
कुछ इस तरह शामिल हुए तुम…