सावन का हरे रंग से है गहरा संबंध, महिलाएं इस वजह से पहनती हैं हरी चुड़ियां
सावन का महिना चल रहा है और इस माह में कई सारी चीजें ऐसी हैं जिसका काफी महत्व होता है, बताते चले कि उनमें से एक चीज महिलाओं के सोलह श्रृंगार से भी संबंधित है। यह बात तो सच है कि इस माह में महिलाएं जितने तन मन से शिव जी की भक्ती करती हैं उतने ही मन से श्रृंगार भी करती हैं। लेकिन इस श्रृंगार में हरी चुड़ियां का धारण करना सावन माह में पावन माना गया है।
जी हां यही कारण है कि इस माह में लड़कियां ना सिर्फ हरी चूड़ियां पहनती हैं बल्कि वो मेहंदी भी लगाना पसंद करती हैं। पर क्या आपको पता है कि सावन में हरे रंग की चूड़ियां ही क्यों पहनी जाती है या फिर मेहंदी क्यों लगाई जाती है? तो आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे का महत्व है।
मेहंदी लगाने के पीछे का महत्व
अगर बात करें मेंहती की तो सभी शुभ अवसर या फिर शादी में मेंहदी लगाने की रस्म होती है वहीं इसके अलावा ये भी माना जाता है कि जिसके हाथ की मेहंदी जितनी गहरी रचती है, उसका पति उसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है। वहीं कहा तो ये भी जाता है कि सावन में जो भी पत्नी मेहंदी लगाती है इससे उसके पति के साथ रिश्ता और भी गहरा हो जाता है यही कारण है कि सावन के महीने में लड़कियों का मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है।
हरी चूड़ियां पहनने का महत्व
अब बात करते हैं हरे रंग की चुड़ियों की, तो धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो हरा रंग बेहद ही शुभ माना जाता है और सावन में तो इसका अपना अलग ही महत्व है। हरा रंग प्राकृतिक का रंग होता है जो कि जीवन और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। शादीशुदा महिलाएं अगर हरे रंग की चूड़ियां पहनती है तो उनके पति को खुशियां एवं लंबा और सेहतमंद जीवन प्राप्त करने के लिए पहनती हैं। वैसे देखा जाए तो इस रंग से दिमाग भी शांत रहता है और घर में कलेश नहीं होता है।
भगवान शिव को प्रकृति से अथाह प्रेम है जग-जाहिर है कि महादेव ने कभी स्वर्ण हीरे मोती या आभूषणों को महत्व नहीं दिया। महादेव को हरियाली पसंद है, क्योंकि देवी पार्वती सव्यं साक्षात प्रकृति की स्वरूप हैं. हरा रंग की चूड़ियों से इसलिए सुहागन जीवन में खुशहाली आती है।
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