centered image />

RBI ने 1 जनवरी से बदलने वाले प्रमुख बैंक नियमों की घोषणा, सभी ग्राहक होंगे प्रभावित

0 108
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

नए साल के पहले दिन से ही बैंक लॉकर्स को लेकर नए नियम लागू हो रहे हैं. अगर आप भी बैंक लॉकर में सामान रखते हैं या रखने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक 1 जनवरी 2023 से रिजर्व बैंक के लॉकर से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा. इस नियम से बैंक ग्राहकों को काफी फायदा होगा।

1 जनवरी से बदल जाएंगे लॉकर के नियम

इस नियम के मुताबिक अगर लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई बैंक को करनी होती है. इतना ही नहीं, ग्राहकों को 31 दिसंबर तक एक एग्रीमेंट साइन करना होगा, जो लॉकर के बारे में सारी जानकारी मुहैया कराएगा। इसके साथ ही बैंक ग्राहकों को उनकी जरूरी चीजों के बारे में हमेशा अपडेट किया जाएगा।

एक लॉकर समझौते की आवश्यकता होगी

नए साल से पहले यानी 1 जनवरी, 2023 से लॉकर मालिकों को एक समझौता करना होगा और इसके लिए उन्हें पात्र होना होगा। बैंक भी ग्राहकों को लॉकर एग्रीमेंट कराने के मैसेज भेज रहे हैं। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) भी अपने ग्राहकों को एक अलर्ट भेज रहा है, जिसमें लिखा है, ‘आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, नए लॉकर समझौते को 31 दिसंबर 2022 से पहले निष्पादित करना होगा।’

ऐसी स्थिति में बैंक मुआवजा प्रदान करेगा

आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक अब ग्राहकों को बड़ा फायदा मिलेगा. दरअसल, अगर बैंक की लापरवाही से लॉकर में रखा सामन खराब हो जाता है तो बैंक को भुगतान करना पड़ता है। यानी अब नए नियम के मुताबिक बैंक की देनदारी बढ़ गई है. इतना ही नहीं, बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी से हुए नुकसान की भरपाई भी बैंक करेगा। इसके तहत लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक बैंक की देनदारी होगी.

कब तक मुआवजा नहीं दिया जाएगा

अब सवाल यह है कि किन परिस्थितियों में उपभोक्ताओं को मुआवजा नहीं मिलेगा। नए नियम के मुताबिक, प्राकृतिक आपदा जैसे बिजली, भूकंप, बाढ़, तूफान आदि से अगर लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान पहुंचता है तो ग्राहक की गलती या लापरवाही के लिए बैंक की जिम्मेदारी होगी.

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.