हजारों किसानों के खातों से वापस हुए पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा, RTI में हुआ खुलासा

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लोकसभा चुनावों में बीजेपी पीएम किसान सम्मान निधि योजना को बड़ी सफलता बताकर जनसभा और रैलियों में प्रदर्शित कर रही है। इस योजना को 24 फरवरी को सरकार ने लांच किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि इस योजना से किसानों को लाभ मिलेगा। लेकिन न्यूज पोर्टल द वायर ने बैंकों से सूचना के अधिकार के तहत इसके बारे में जानकारी मांगी तो सनसनीखेज खुलासा हुआ। मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जारी की गई करोड़ों रुपये हजारों किसानों के खातों से वापस ले ली गयी है।

PM Kisan Samman Nidhi money withdrawn from thousands of farmers' accounts, revealed in RTI

न्यूज पोर्टल को मिले दस्तावेज के मुताबिक, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पहली किस्त के रूप में प्रति किसानों को दो हजार रुपये देने का सरकार ने दावा किया था। हालांकि बैंकों ने कुछ देर या कुछ ही घण्टों बाद उनके खातों से निकाल लिए गए। इस योजना के तहत दो हेक्टेयर या इससे कम जमीन के मालिक वाले किसानों को दो हजार रूपये की तीन किस्त एक वर्ष में देने का दावा किया गया था। इसके लिए 19 राष्ट्रीयकृत बैंकों में से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, केनरा बैंक ने आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है कि इस योजना के तहत किसानों के खाते में डाले गए रुपये वापस ले लिए गए हैं।

PM Kisan Samman Nidhi money withdrawn from thousands of farmers' accounts, revealed in RTI

एसबीआई ने माना है कि इस योजना के तहत आठ मार्च 2019 तक 27,307 खातों में डाली गई रकम में से पांच करोड़ 46 लाख रुपये वापस ले लिए गए। एसबीआई ने ये भी बताया कि आठ मार्च 2019 तक उन्होंने करीब 42 लाख 74 हज़ार खातों में लगभग 854.85 करोड़ रुपये पीएम किसान योजना के तहत डाला था। वहीं बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने जवाब दिया है कि उन्होंने करीब एक लाख 88 हज़ार खातों में लगभग 37 करोड़ 70 लाख रुपये डाले हैं। इसमें से 61 लाख 20 हज़ार रुपये वापस ले लिए।

आरटीआई के जवाब में यूकों बैंक ने बताया कि 24 फरवरी 2019 तक 2919 खातों के 58 लाख 38 हज़ार रुपये वापस हो गए थे। बैंक के महाप्रबंधक एके बरूआ का कहना है कि जो पैसे वापस हुए हैं उनके किसानों के बैंक खाते या फिर आधार कार्ड में दिक्कत थी। बता दें कि इसी तरह से अन्य बैंकों ने भी आरटीआई का जवाब दिया है।

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