आतंकवाद नहीं रोका तो बंद कर देंगे पानी- पाक को गडकरी की चेतावनी
देश:- पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए बुधवार को पंजाब के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गडकरी ने पाकिस्तान को चेताया कि आतंकवाद नहीं रोका तो पाक जाने वाला पानी बंद कर देंगे।
अमृतसर लोकसभा सीट से भाजपा (BJP) उम्मीदवार हरदीप पुरी के लिए प्रचार करते हुए गडकरी ने कहा, ‘भारत से पाकिस्तान (Pakistan) जाने वाली नदियों का पानी रोकने के लिए केंद्र सरकार पहले से ही रोड मैप बना रही है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में छह बांध बनाने की योजना बना रही है, इस कदम से पानी की समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।
गडकरी ने आगे कहा, ‘तीन नदियों का पानी पाकिस्तान जा रहा है, हम इसे रोकना नहीं चाहते हैं। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच जल संधि का आधार शांतिपूर्ण संबंध और दोस्ती थे जो अब पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। इसलिए हम इस संधि का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं।’
आपको बता दें कि इसी साल फरवरी में हुए पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा वापस लिया था और फिर वहां से आयात होने वाली वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया। इसके तुरंत बाद सिंधु जल समझौते के तहत तीन नदियों रावी, सतलज और व्यास से पाकिस्तान को मिलने वाले अपने हिस्से का पानी रोकने का फैसला किया था।
सिंधु जल समझौता
बता दें कि पाकिस्तान के कराची में 19 सिंतबर 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरल लाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के बीच सिंधू जल समझौता (Indus Waters Treaty) हुआ था. भारत और पाकिस्तान, सिंधु जल समझौते के तहत सिंधु, रावी, ब्यास, सतलुज, चेनाब और झेलम नदी के पानी का इस्तेमाल करते हैं। सिंधु जल समझौते के तहत भारत रावी, ब्यास और सतुलज नदी के 100 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल कर सकता है। इसी तरह झेलम, सिंधु और चेनाब नदियों के अधिकांश पानी को इस्तेमाल करने का अधिकार पाकिस्तान का है।
वर्तमान स्थिति ये है कि इन सभी 6 नदियों का अधिकतम पानी… पाकिस्तान ही इस्तेमाल कर रहा है। सिंधु जल समझौते के तहत भारत के हिस्से में जो नदियां हैं। भारत उन नदियों के पानी का 100 प्रतिशत इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।
क्योंकि भारत ने पिछले 71 वर्षों में अपने हिस्से वाली नदियों पर पर्याप्त बांध नहीं बनाए। इसलिए इन नदियों के पानी को भारत Store ही नहीं कर सकता। वर्ष 2014 में रावी नदी पर भारत ने शाहपुर-कंडी में बांध का निर्माण शुरू किया है। इसके अलावा रावि-ब्यास लिंक का निर्माण भी किया जा रहा है। ताकि भारत अपने हिस्से के पानी का ठीक तरह से इस्तेमाल कर सके।
न्यूज़ सोर्स : जागरण
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