मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर नया खुलासा – पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्टेड होने का खतरा
नई दिल्ली :- अब ताजा परेशानी आई है एशिया-पेसेफिक ग्रुप की ओर से। मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से की जा रही कोशिशों में एशिया-पेसेफिक ग्रुप ने कई तरह की खामियां पाई हैं। पाकिस्तान की ओर से 50 पैमानों पर सुधार के दावों को लेकर कोई प्रमाण नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्टेड होने का खतरा मंडराने लगा है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से संदिग्ध सूची में डाले जाने के बाद अब पाकिस्तान एशिया-पेसेफिक ग्रुप की ओर से ब्लैक लिस्ट किए जाने के कगार पर है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया में बैठक हो रही है। यहां पाकिस्तान से जुड़ी म्यूचुअल इवेल्यूशन रिपोर्ट पेश होने के बाद स्वीकार की जानी है।
पाकिस्तान ने 21 अगस्त को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को अनुपालन रिपोर्ट सौंपा। इसमें 27 सूत्री कार्ययोजना (एक्शन प्लान) का उल्लेख है। अब एशिया-पेसेफिक ग्रुप की ओर से इस अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। एशिया-पेसेफिक ग्रुप ने पाया है कि इस्लामाबाद की ओर से कई मोर्चों पर खामियां हैं।
नौ देशों के इस क्षेत्रीय संगठन में पाकिस्तान 40 पैमानों में करीब तीन दर्जन में नाकाम रहा है। इसके अलावा 11 प्रभावकारी पैमानों पर भी पाकिस्तान 10 में फिसड्डी साबित हुआ। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम के दबाव के बाद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को संदिग्ध सूची में डाला। एशिया-पेसेफिक ग्रुप की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिकूल तथ्य पाए जाने के बाद अक्टूबर 2019 से उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा। एशिया-पेसेफिक ग्रुप पाकिस्तान की दस वर्षीय समीक्षा कर रहा है।
डॉ रजा बाकीर के नेतृत्व वाला पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल क्षेत्रीय संगठन को आश्वस्त करने में नाकाम रहा तो पाकिस्तान को एपीजी की सबसे निचली सूची यानी ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। इसका मतलब हैं कि पाकिस्तान के लिए दिक्कतें और बढ़ेंगी।