चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद अब इन सभी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज सभी पुराने मामले भी चर्चा में
नई दिल्ली :- कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री रहे पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद अब कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज सभी पुराने मामले चर्चा में आ गए हैं। कांग्रेस भले ही केंद्र सरकार की इस लोकतंत्र की हत्या बता रही है लेकिन यह भी सच है कि अगर कार्रवाई हो जाए तो कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं से खाली होने की नौबत आ जाएगी। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी हों या पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अथवा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या अहमद पटेल, सबके सब किसी ना किसी मामले में बेल (जमानत) पर हैं।
कांग्रेस में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने वाले पी.चिदंबरम अकेले नेता नहीं हैं। दिल्ली से लेकर हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक के बड़े कांग्रेस नेता सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी जैसी एजेंसियों के निशाने पर हैं। अब यह भी माना जा रहा है कि पी.चिदंबरम के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार में फंसे अन्य कांग्रेस नेताओं पर भी शिकंजा कस सकती हैं। इस आशंका से कांग्रेस के कई नेता सहमे हुए हैं। अगर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने एक साथ सचमुच कांग्रेस के सभी आरोपी नेताओं पर कार्रवाई कर दी तो कांग्रेस में सन्नाटा छा जाएगा।
सोनिया गांधी व राहुल गांधी :-
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता फंसे हैं। आरोप है कि कांग्रेस के पैसे से 1938 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी खड़ी की गई, जो नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और क़ौमी आवाज नामक तीन अखबारों का संचालन करती थी। एक अप्रैल 2008 को सभी अखबार बंद हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। फिर 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई,
जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बाद में घालमेल कर यंग इंडियन के कब्जे में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी को कर दिया गया। फिर कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया।
अहमद पटेल और रतुल पुरी :-
अगस्ता वेस्टलैंड वीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला 2013 में सामने आया। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पर इतालवी चॉपर कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से कमीशन लेने के आरोपों की सीबीआई आदि केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी फंसे हैं। अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 36 अरब रुपए में 12 वीआईपी हेलिकॉप्टर ख़रीदे जाने थे। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया इस वीआईपी चॉपर खरीद के पीछे अहम भूमिका निभा रही थीं।
जगदीश टाइटलर :-
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय जगदीश टाइटलर भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं। मामला वर्ष 2009 का है। टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने बिजनेसमैन अभिषेक वर्मा के साथ मिलकर तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अजय माकन के फर्जी लेटर हेड का इस्तेमाल कर तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर एक चीनी टेलीकॉम कंपनी के अफसरों को वीजा के नियमों में छूट देने की सिफारिश की थी। जगदीश टाइटलर और अभिषेक वर्मा के खिलाफ फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र सहित भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं में आरोप तय हो चुके हैं।
अशोक गहलोत :-
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मामला 2010 से लेकर 2013 तक एनआरएचएम के तहत एंबुलेंस खरीदने में हुई धांधली का है। एंबुलेंस खरीदने के लिए जो टेंडर जारी किया गया, उसमें गड़बड़ी की गई थी। वसुंधरा राजे की भाजपा सरकार ने मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था। इस मामले में 31 जुलाई 2014 को जयपुर के अशोक नगर थाना में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम, अशोक गहलोत, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एए खान, श्वेता मंगल, शफी माथेर और निदेशक एन आर एच एम के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय अब तक 12 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुका है।
डीके शिवकुमार
कर्नाटक में कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति दर्ज करने का मामला चल रहा है। 2017 में आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के 64 ठिकानों पर जबर्दस्त छापेमारी की थी। उस दौरान डीके शिवकुमार और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।
वीरभद्र सिंह
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के खिलाफ भी केंद्रीय एजेंसियों की जांच चल रही है। सितंबर 2015 में उनकी बेटी की शादी के दिन सीबीआई ने छापेमारी कर खलबली मचा दी थी। वीरभद्र सिंह पर आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप है।
हरीश रावत
उत्तराखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सीबीआई जांच की जद में हैं। उनके खिलाफ अप्रैल 2016 में सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों को समर्थन के लिए घूस की पेशकश करने का आरोप है।
भूपिंदर सिंह हुड्डा
हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ भी गुरुग्राम में जमीन सौदे के मामले में जांच चल रही है।
न्यूज सोर्स : आजतक।