कई बड़े सवाल: अगर ‘मेंटल’ है ओडिशा के मिनिस्टर नब दास का किलर, तो उसे फील्ड में सर्विस गन के साथ ड्यूटी क्यों दी गई?

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ओडिशा सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास को राजकीय सम्मान दिया जाएगा। उन्हें 29 जनवरी की दोपहर 1 बजे झाड़सुगड़ा के ब्रजराजनगर में एक ASI ने गोली मार दी थी।

पढ़िए ओडिशा के हेल्थ मिनिस्टर नबा दास की हत्या से जुड़े 14 बड़े पॉइंट्स

  1. एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूरे राज्य में 29-31 जनवरी से तीन दिनों तक कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा।

  2. ओडिशा सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सम्मान के मार्क के रूप में दिवंगत गणमान्य व्यक्ति यानी नब को राजकीय सम्मान दिया किया जाएगा। राज्य की राजधानी में मृत्यु के दिन और अंत्येष्टि के दिन उस स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां यह होता है।

  3. 60 वर्षीय नब किशोर दास दोपहर करीब 1 बजे ब्रजराजनगर शहर में सहायक पुलिस उप-निरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास ने गोली मार दी थी, जिसके बारे में माना जाता है कि वह मानसिक विकार से पीड़ित है।

  4. झारसुगड़ा से भुवनेश्वर ले जाने के बाद अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने उनका ऑपरेशन किया, लेकिन अंत में उन्होंने दम तोड़ दिया।

  5. नब किशोर दास को गोलियां तब मारी गई थीं, जब वह रविवार (29 जनवरी) दोपहर लगभग 1 बजे एक कार्यक्रम में शामिल होने झाड़सुगड़ा के ब्रजराजनगर में पहुंचे थे। वहां उनके स्वागत के लिए भीड़

जमा थी। मंत्री अपनी कार की अगली सीट पर बैठे हुए थे। जैसे ही वे नीचे उतरे, ASI ने उनके सीने में गोली मार दी थीं। उन्हें 2 गोलियां लगी थीं।

  1. नब किशोर दास नवीन पटनायक सरकार के एक पॉवरफुल मंत्री थे। उनकी गिनती सबसे अमीर विधायकों में होती थी। 2019 के चुनाव में घोषित उनकी सम्पत्ति के अनुसार, उनके पास 80 व्हीकल्स थे।

उनकी कीमत 25 करोड़ होगी।

  1. नब दास पिछले दिनों तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में 1.7 किलो सोना और 5 किलो चांदी के कलश चढ़ाए थे।

  2. झारसुगुड़ा के प्रभावशाली नेता नब कुमार दास पहले कांग्रेस में थे। बाद में उन्होंने सत्ताधारी बीजू जनता दल(BJD) का थामन थाम लिया था।

  3. ADGP क्राइम ब्रांच अरुण बोथरा के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल(SIT) स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास पर गोली चलने की घटना की जांच के लिए भुवनेश्वर से झारसुगुड़ा पहुंच गई है।

10.दूसरी ओर, घटना के कुछ मिनट बाद ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आदेश के बाद क्राइम ब्रांच की एक फोरेंसिक टीम और एजेंसी के अधिकारियों ने अपराध स्थल पर जांच शुरू कर दी थी।

11.मौके से बुलेट कैप्सूल, खून के नमूने और अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य एकत्र किए गए और जांच के लिए भेजे गए। इस हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है।

  1. क्राइम ब्रांच ने बताया कि उसने ब्रजराजनगर पुलिस द्वारा दर्ज इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। साइबर विशेषज्ञ, बैलिस्टिक विशेषज्ञ और अपराध शाखा के अधिकारियों सहित सात सदस्यीय

विशेष जांच दल का गठन किया गया है।

13. एक अन्य टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी रमेश चंद्र डोरा कर रहे हैं। वह एक बैलेस्टिक विशेषज्ञ के साथ टीम के अन्य सदस्यों के आने तक जांच तुरंत शुरू करने के लिए एक हेलीकॉप्टर द्वारा झारसुगुड़ा पहुंचे थे।

  1. क्राइम ब्रांच ने कहा कि एजेंसी ने आईपीसी की धारा 307 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया है।

आखिर क्यों गोली मारी, ढूंढ़ा जा रहा इन सवालों का जवाब?

क्या नबा दास की सुरक्षा को कोई खतरा था? अगर पुलिस और खुफिया अधिकारियों को इसका पता था, तो क्या उपाय किए गए थे?

गोपाल ने सिर्फ नबा दास को ही क्यों निशाना बनाया, किसी और पर गोलियां क्यों नहीं चलाईं?

क्या इस साजिश में गोपाल के पीछे कोई और मास्टरमाइंड है?

आखिर ऐसी क्या बात थी कि गोपाल ने नबा दास से दुश्मनी पाल ली थी?

गोपाल जब नबा का पर्सनल सिक्योरिटी आफिसर था, तब उसका बर्ताव क्या ऐसा ही था? अगर था, तो उसे हटाया क्यों नहीं गया?

अगर गोपाल मानसिक बीमार था, तब सर्विस कैसे करता रहा, उसकी पत्नी और दोस्तों को इसके बारे में मालूम था, तो पुलिस विभाग को अवगत क्यों नहीं कराया?

अगर गोपाल मानसिक बीमार था, तो फील्ड में सर्विस गन के साथ ड्यूटी कैसे कर रहा था

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