लोकसभा चुनाव: हिमाचल में नए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में कांग्रेस
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने नए अध्यक्ष के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य में चल रहे राजनीतिक तनाव के बीच स्थिति को सामान्य करने आए पार्टी पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेन्द्र हुड्डा वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को मंडी संसदीय सीट से चुनाव लड़कर नया अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं। हाईकमान को सौंपी गई रिपोर्ट में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा ने इस संबंध में जल्द बदलाव की सिफारिश की है. ऐसे में लोकसभा चुनाव तक अंतरिम आधार पर नए अध्यक्ष की नियुक्ति की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है.
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की. कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बने हर्ष महाजन और पवन काजल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. राजेंद्र राणा ने भी कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा उपाध्यक्ष बनने के कारण विनय कुमार तकनीकी रूप से अब कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए नए अध्यक्ष की नियुक्ति की राह आसान नहीं होने वाली है.
सियासी संकट के इस दौर में ऐसे नेता को नेतृत्व देने की बात हो रही है जो सरकार और संगठन के बीच बेहतर सामंजस्य बना सके. सूत्रों ने बताया कि पार्टी के किसी पूर्व अध्यक्ष को फिर से कार्यभार सौंपने पर विचार शुरू हो गया है. ऐसे नेता की तलाश चल रही है जो सभी समूहों को एक साथ ला सके. वहीं पर्यवेक्षकों ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगले कुछ दिनों में समन्वय समिति की घोषणा की जाए और तीन सदस्यों के नामों की घोषणा भी जल्द की जाए. कमेटी में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति की घोषणा पहले ही की जा चुकी है.
कांगड़ा, शिमला और हमीरपुर से मजबूत उम्मीदवार की तलाश है
कांग्रेस कांगड़ा, शिमला और हमीरपुर संसदीय क्षेत्रों से मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है। हमीरपुर में कांग्रेस को लगातार आठ चुनावों से हार का सामना करना पड़ रहा है. 1996 में विक्रम सिंह के चुनाव जीतने के बाद से कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है. इस बार भी कांग्रेस का मुकाबला केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से होने की संभावना है. मुख्यमंत्री सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के गृह संसदीय क्षेत्र में पार्टी की साख बचाने के लिए कांग्रेस को मजबूत उम्मीदवार पर दांव लगाना होगा. शिमला और कांगड़ा संसदीय सीट पर पिछले तीन चुनावों से बीजेपी जीतती आ रही है. कांग्रेस भी इन संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने के लिए उम्मीदवारों की तलाश कर रही है.