जानिए धर्म के बारे में ये बातें? अगर नहीं जानते तो आज जान लीजिए
यह हमारे देश में धर्म को चर्चा में ला रहा है। धर्म की बात करना आसान है, धर्म को समझना आसान नहीं है। धर्म को समझना और पचाना और भी मुश्किल है, लेकिन सबसे मुश्किल है धर्म को जीना। धार्मिक जीवन जीना जितना कठिन लगता है, जीने के बाद भी उतना ही आसान लगता है। जैसे कोई पहली बार साइकिल सीखने जाता है और सोचता है कि दुनिया में और कोई मुश्किल काम नहीं है, क्योंकि दुपहिया पर बैठते ही वह डगमगाने लगता है और गिर पड़ता है।
लेकिन एक बार जब धर्म का पालन करना शुरू हो जाता है, तो यह एक झूलती हुई साइकिल की मस्ती जैसा लगता है। धर्म जीवन में एक अनमोल हीरे की तरह है। जो हीरे को नहीं जानते वे जीवन भर कंकड़ बुनते रहेंगे। सबसे पहले हम अपनी दृष्टि जौहरी की तरह रखें। इसलिए हम धर्म को हीरे की तरह पहचान सकते हैं। नहीं तो हम हीरे को कंकड़ समझेंगे।
धर्म में अनुशासन का बहुत महत्व है। वह अनुशासन शास्त्रों का, सद्गुरु का, माता-पिता का, बड़ों का या स्वार्थ का हो सकता है। मोटेरा की सलाह लेकर किए गए काम में कहीं असफल हो जाएं तो दुख नहीं होगा और अगर सफल हो गए तो गर्व नहीं होगा। क्योंकि यह सही लोगों की मदद से किया जाता है!
हमारे पास समर्थन करने वाला कोई है। यदि हम धर्म के मार्ग पर ईश्वर के प्रति आस्था और ईश्वर की शरण में चलेंगे तो हमारी कार्य शक्ति घटेगी नहीं घटेगी, जहां बड़े-बुजुर्गों, ज्ञानियों का सहयोग नहीं होगा, वहां हमें सफलता में संदेह होगा, सफलता पर संदेह पैदा होगा। कार्य के पूर्ण होने पर, अन्यथा उसके फल की कोई आशा नहीं रहेगी यदि हम रहेंगे तो निष्क्रिय हो जायेंगे और हमारी परम शक्ति छिन जायेगी, इसलिये हमें धार्मिक अनुशासन के साथ-साथ भगवान के सहयोग और शपथ की आवश्यकता है।