इस तरह भगवान विष्णु ने छल से छीन लिया था शिव से बद्रीनाथ

देवों के देव कहे जाने वाले भगवान शिव को बाकी सभी देवताओं में से सबसे बड़े देवता का स्थान प्राप्त हैं. सावन का महीना शुरू हो चुका है और हर कोई इस महीने में भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करते हैं. आज हम आपको भगवान शिव से जुड़ा एक ऐसा रहस्य बताने जा आ रहे हैं जिसे आप आज तक वाकिफ नहीं हुए होंगे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव पहले बद्रीनाथ धाम में अपने परिवार के साथ निवास करते थे लेकिन यह स्थान भगवान विष्णु को बहुत पसंद था और उन्होंने इस स्थान को पाने का मन बना लिया. ऐसा कहा गया है कि सतयुग में भगवान शंकर अपनी पत्नी माता पार्वती के साथ बद्रीनाथ में आराम पूर्वक से रहते थे. इसी दौरान माता पार्वती को एक बच्चे के रोने की आवाज आई.
बच्चे के रोने की आवाज सुनकर माता पार्वती घबरा गई और बाहर निकलकर वे सोचने लगी कि इस वन में यह कौन बालक रो रहा है, यह कहां से आया है और यह किसका पुत्र है. रोते हुए बच्चे पर माता पार्वती को दया आ गई और वे बच्चे को अपने घर ले आई. इस दौरान भगवान शिव समझ गए कि यह लीला भगवान विष्णु की हैं. भगवान शिव के लाख मना करने के बावजूद पार्वती ने बच्चे को घर में जगह दें दी.
बच्चा जब सो गया तो माता पार्वती और भगवान शिव भ्रमण पर चले गए. जब वे वापस लौटे तो घर का मुख्य द्वार बंद था और जब उन्होंने बच्चे से दरवाजा खोलने का आग्रह किया तो अंदर से भगवान विष्णु ने कहा कि अब आप भूल जाइए, यह स्थान मुझे बहुत पसंद आ गया है. मुझे यहीं विश्राम करने दीजिए और अब आप यहां से केदारनाथ जाएं. इसके बाद से ही बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु रहते हैं और केदारनाथ में भगवान शिव विराजमान हैं.
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