अगर आप घर को स्वर्ग बनाना चाहते हैं तो अपना लीजिये आज से चाणक्य के ये 3 सूत्र
आचार्य चाणक्य ने राजनीति, लोक व्यवहार और समाज का गहन अध्ययन कर मानव कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण सूत्र बताएं हैं जो आज भी पूर्ण रूप से स्वीकार्य है। आज भी बुद्धिजीवी वर्ग इन चाणक्य के सूत्रों को जीवन में अपना कर उन्नति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। आचार्य चाणक्य ने ऐसी तीन बातें बताई है जिन्हें जीवन में उतारकर मनुष्य आनंद की अनुभूति कर सकता है। आचार्य ने इन तीन चीजों का होना ही स्वर्ग बताया है।
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ये तीन चीजें इस प्रकार हैं-
- जिसका बेटा वश में रहता है।
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जहाँ पत्नी पती की इच्छा के अनुरूप कार्य करती है।
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जो व्यक्ति धन के कारण पूरी तरह संतुष्ट है। ये तीन चीजें जहाँ होती है मानो वहां स्वर्ग ही है।
प्रत्येक व्यक्ति संसार में सुखी रहना चाहता है, यही तो स्वर्ग है। स्वर्ग में भी सभी प्रकार के सुखों को उपभोग करने की कल्पना की गई है। इस बारे में चाणक्य कहते हैं कि जिसका पुत्र वश में है अर्थात पिता के आज्ञा का पालन करता है। स्त्री जिसकी इच्छा के अनुसार कार्य करती है।
जो अपने कमाए हुए धन से संतुष्ट है, जिसे लोभ लालच और अधिक कमाने की चाह नहीं है। ऐसे मनुष्य के लिए किसी अन्य प्रकार के स्वर्ग की कल्पना करना व्यर्थ है। स्वर्ग तो वह व्यक्ति जाना चाहेगा जो अपने ही घर में दुखी हो। जो व्यक्ति अपने जीवन में घर परिवार के साथ सुख पूर्वक रह रहा है उसके लिए तो उसका घर ही स्वर्ग है।
स्वर्ग तो मानव मात्र की एक कल्पना है। आज तक किसी ने भी ऐसा स्वर्ग नहीं देखा है। लेकिन चाणक्य कहते हैं जहां सुख है, समृद्धि है, संतान संस्कारी है, पति-पत्नी एक दूसरे का सम्मान करते हैं, बडों की आज्ञा का पालन किया जाता है वहीं स्वर्ग है।