अगर आप भी करते है एल्युमिनियम फॉयल में लंच पैक, तो जरूर पढ़े ये खबर और हो जाएं सावधान
बच्चों के लिए स्कूल लंच पैक करना हो या ऑफिस के लिए खाना ले जाना हो। हम सब सबसे ज्यादा भरोसा एल्युमिनियम फॉयल पर करते हैं लंच का यह साथी खाने के स्वाद को बिगाड़ने के साथ-साथ, सेहत को भी बहुत गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैैली में खानपान की आदतों में तो बदलाव आया ही है परंतु खाना पकाने और पैक करने के तरीके भी बदल चुके हैं जहा पहले हम कपड़े या कागज में खाना पैक करते थे, वहीं आज इनकी जगह एल्युमिनियम फॉयल ने ले ली है यहाँ तक की खाना पकाने से लेकर सब्जियों या मांसाहार को ग्रिल्ड करने तक में हम इसका प्रयोग करते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक फॉयल में खाना रखने से वह खराब हो जाता है और ये खाने के भी पोषक तत्व को मार देते हैं। विशेषज्ञों की माने, तो फॉयल में खाना गर्म करना और भी नुकसानदेह है। मसालेदार खाने पर इसका दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ता है क्योंकि इस तरह का खाना एल्युमिनियम फॉयल को अच्छी तरह अवशोषित कर लेता है और फॉयल मे मौजूद हानिकारक रसायन भोजन में मिल जाते हैं।
एल्युमिनियम फॉयल में खाना बनाना या पैक करना आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। और कुछ शोधों में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि एल्युमिनियम दिमाग के विकास को प्रभावित कर सकता है और जिन लोगों को हड्डियों से संबंधित बीमारियां पहले से है, उनके लिए तो यह और भी ज्यादा नुकसानदेह है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, फॉयल में पका खाना जरूरत से ज्यादा एल्युमिनियम खींच लेता है। और मसालेदार खाने के लिए तो यह और भी ज्यादा हानिकारक है।
कुछ शोध कहते हैं, यदि हमारे शरीर में एल्युमिनियम की मात्रा बढ़ जाए, तो इसका गंभीर प्रभाव हमारे शारीर और दिमाग पर पड़ता है क्योंकि इससे दिमाग की कोशिकाओं की वृद्धि रुक जाती है और जिसके कारण भूलने संबंधी समस्या, सोचने-समझने की शक्ति का कमजोर होना जैसी परेशानी हो सकती है।
शरीर में एल्युमिनियम की बढ़ती मात्रा से हड्डियों का कमजोर होना, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना जैसी परेशानी भी हो सकती हैं और ये अल्जाइमर रोग का बड़ा कारण भी एल्युमिनियम ही है