व्रत रखने वाले खाते हैं अगर साबूदाना, तो ये सच जरूर जाने
कई लोग जब व्रत रखते है तो उसमें वह साबूदाना का सेवन ज्यादातर करते है। साबूदाना में कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च और इसके साथ विटामिन सी पाया जाता है। जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन आज के समय में 80 % से ज्यादा लोग यह नहीं जानते कि साबूदाना कैसे बनता है।
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साबूदाना को बनाने के लिए टैपिओका नामक स्टार्च का उपयोग किया जाता है। जब साबूदाने को बनाते है तो सबसे टैपिओका के गूदे को निकालकर किसी बड़े तबेले में डाल लेते है।
फिर उसमें लगातार पानी डाला जाता है। फिर इसे सुखाने के लिए छोड़ दिया जाता है। सुखाने के बाद इन पर पर ग्लूकोज और स्टार्च से बने पाउडर की पॉलिश की जाती है। उसके बाद साबूदाना बनता है।
साबूदाना बनने की शुरूआत 1943 से 1944 के दौरान तमिलनाडु के सेलम में इसके बनाने की शुरूआत हुई थी। टैपिओका का पौधा मूलरूप से पूर्वी अफ्रीका में पाया जाता है। इसका दूसरा नाम कसावा भी है। भारत में साबूदाना टैपिओका स्टार्च से ही बनाया जाता है.