कभी सोचा है कि अचानक रात को उठने के बावजूद आप हिल नहीं पाते?
एक अच्छी नींद कई कारणों पर निर्भर करती है । आपको इंटरनेट पर कई आर्टिकल मिलेंगे जो आपको सही और गलत ढंग से रात को सोने के बारे में बताते है और यह भी बताते है कि रात में सोने कि सही पोजीशन कौन सी है और सोने का सही समय जैसे कि सही उठने और सोने के समय क्या है? लेकिन शायद ही कोई आर्टिकल हो जिसमे नींद से जुड़ी विचित्र बातो के बारे में बात कि गयी हो ।
कई लोग रात में अचानक उठने कि समस्या का अनुभव करते लेकिन कुछ कर नहीं पाते । वह रात को बंद आँखों से उठते है लेकिन हिल नहीं पाते. क्या आपने ऐसा कुछ अपनी ज़िन्दगी में अनुभव किया है? यह बाते बेशक किसी डरावनी किताब के एक दृश्य जैसी लग रही हो लेकिन यह सच है और यह आजकल के समय में बहुत होता है ।
यह क्यों होता है? हम आपको बताते है:

मैंने में कही पढ़ा था कि नींद कि बीमारी के लिए कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक फैक्टर्स ज़िम्मेदार होते है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 35 स्टडीज में, जिनमे करीब 36000 लोगो ने पाया कि 7.6 % को नींद निर्बलता कि परेशानी है। इन लोगो में छात्र शामिल है जिन्हे बाधित नींद कि परेशानी है और वह लोग शामिल है जिन्हे मानसिक रोग है जैसे डिप्रेशन और चिंता कि बीमारी।
लेकिन जब आपका दिमाग उठा हुआ है तो आपका शरीर क्यों नहीं हिलता?

यह सब REM कि तीन या चार चरण पर आकर टिकता है. REM को रैपिड ऑय मूवमेंट भी कहते है। यह संभव है कि हम नींद के किसी भी चरण में सपने देख सकते है लेकिन जो सपने REM नींद में आते है वह ज़्यादा असली लगते है।
ऐसे सपने जिसमे आपको लगता है कि आप कही से गिर रहे है, क्या यह सच नहीं है?

REM नींद में हमारा दिमाग बहुत सक्रिय रहता है। कई लोग खुद को असहाय महसूस करते है तो कई लोग सोचते है कि उनका शरीर सही से काम नहीं कर रहा। इसे REM अंटोनिआ कहते है। हालाँकि इसका प्रभाव कुछ मिनटों या सेकंड्स के लिए ही रहता है। कई लोगो को इसमें खुद के साथ किसी के होने का एहसास भी महसूस होता है। अनुसंधानकर्ता कहते है कि यह ज़्यादातर उन लोगो के साथ होता है जो या तो उदास होते है या फिर डिप्रेस होते है।
आश्चर्य कि बात है कि नींद निर्बलता कई प्रकार कि होती है.

तीन तरह के भ्रम जो होते है, वह है दुःस्वप्न , अनुचित रूप से घुसने का डर, शरीर में कई प्रकार का असामान्य अनुभव होना।
1. दुःस्वप्न

इसमें लोगो को खुद कि छाती पर ज़ोर का भार महसूस होता है और उन्हें लगता है कि वह साँस नहीं ले पा रहे. यह इसलिए होता है क्यूंकि वह डरे हुए होते है।
2. अनुचित रूप से घुसने का डर

नींद कि इस निर्बलता में डर, किसी और कि मौजूदगी और दिखने और सुनने वाले भ्रम का एहसास होता है। एक हलकी सी आवाज़ भी आपको डरा सकती है।
3. शरीर में कई प्रकार का असामान्य अनुभव होना

इसमें लोगो को लगता है कि वह कमरे में उड़ रहे है। इस प्रकार कि नींद निर्बलता अलग है क्यूंकि इसमें इंसान कि आधी नींद के दौरान दिमाग के अलग अलग हिस्से एक्टिव होते है।
हालाँकि नींद निर्बलता का निवारण मुश्किल है। अनुसंधानकर्ता ने खोज कि है कि साइड पर सोने से नींद निर्बलता को काम किया जा सकता है।
तो आपके नींद निर्बलता के क्या अनुभव है?
Author : Davinder Gadhok