दूतावास ने चीनी नागरिकों को तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने की जारी की सलाह
जैसा कि चीन ने अपने नागरिकों को जल्द से जल्द काबुल छोड़ने की सलाह दी है, आईएस ने उन होटलों पर हमले शुरू कर दिए हैं जहां चीनी नागरिक ठहरे हुए थे। चीन की यह सलाह ऐसे समय में आई है जब काबुल में तालिबान सरकार अफगानिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है और चीन ने भी करोड़ों डॉलर के पैकेज की पेशकश की है। इसके बदले तालिबान ने चीन को कई खदानें खोदने की इजाजत दी है और रियायतें भी दी हैं।मालूम हो कि 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया और पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया।
आईएसआईएस ने सोमवार को लॉन्गन होटल पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है, जहां चीनी नागरिक ठहरे हुए हैं। हमले में विद्रोही मारे गए और कम से कम दो मेहमान भी मारे गए। दरअसल, खिड़की से कूदकर भागने की कोशिश में दोनों की मौत हो गई। सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों के मुताबिक, शाह-ए-नौ रिवात और 10 मंजिला होटल से धुएं के गुबार उठते देखे गए, साथ ही विस्फोटों और गोलियों की आवाजें भी सुनाई दीं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने हमले को ‘जघन्य’ बताया और मंगलवार को कहा कि चीन इससे बहुत दुखी है। इस हमले की गहन जांच होनी चाहिए। उन्होंने अफगानिस्तान में रहने वाले चीनी नागरिकों, संस्थानों, प्रतिष्ठा और परियोजनाओं की सुरक्षा को मजबूत करने का भी अनुरोध किया। वांग ने आगे कहा कि चीनी सरकार ने भी हमले से प्रभावित लोगों की मदद के लिए एक टुकड़ी भेजी है। संक्षेप में कहें तो ड्रैगन ISIS के हमले से हिल गया है।