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क्या आप जानते हैं आरती करने का धार्मिक और वैज्ञानिक कारण?

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इस संसार का प्रत्येक भक्त मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद ही आरती करता है। क्या आपने कभी किसी व्यक्ति को पूजा करते हुए पहली बार आरती करते देखा है..? यदि आपने इसे नहीं देखा है और यह प्रश्न अनुत्तरित नहीं है कि आरती आखिर क्यों होती है

हमारे पुरखों ने भी समझदारी से यह काम किया है।

हम सभी जानते हैं कि आरती के समय थाली में घी, कपूर, फूल, चंदन रखा जाता है. घी, चंदन और कपूर शुद्ध सात्विक पदार्थ हैं। यदि इसमें आरती के समान कपूर प्रज्वलित किया जाए तो जैसे ही वातावरण में एक अद्भुत सुगंध फैलती है, वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। और उस समय हमारा मन एकाग्र होता है। आप यह भी जानते हैं कि एकाग्रता और मन की शांति आपकी समस्याओं को आसानी से हल कर सकती है। और आयुर्वेद में भी कपूर को बेहतरीन माना गया है। उस समय भगवान की आरती के दौरान रोज सुबह-शाम घर में कपूर जलाने से वातावरण, मन और स्वास्थ्य सभी शुद्ध होते हैं।

ऐसा कहा जाता हैं जिस तरह कपूर के जलने के पश्चात वातावरण सुगंधित हो जाता है। यह इस बात को दर्शाता है कि व्यक्ति अपने भीतर के अहंकार को जलाकर चारो ओर अच्छाई और सकारात्मकता को फैलाएगा। साथ ही वह इस बात के लिए भी प्रतिबद्ध होता है कि उसकी ओर से ज्ञान का प्रसार करने की भी पूरी कोशिश की जाएगी।

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