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क्या राजनीतिक दलों को आयकर नहीं देना पड़ता? जानिए क्या है कानून

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कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि आयकर विभाग ने बैंकों को उसके खाते से 65 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि यह आर्थिक आतंकवाद का एक रूप है और कांग्रेस पार्टी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है जबकि राजनीतिक दलों को आयकर से छूट दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके रु. 210 करोड़ रुपये की टैक्स मांग पहले से ही आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के पास लंबित है। आइए आपको बताते हैं कि क्या राजनीतिक दल भी आयकर के दायरे में आते हैं। यदि पार्टियों को कर छूट दी जाती है, तो शर्तें क्या हैं?

क्या राजनीतिक दलों को आयकर देना आवश्यक है?

आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार, चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत राजनीतिक दलों को कुछ शर्तों के अधीन आयकर से छूट दी गई है। अधिनियम की धारा 13ए में कहा गया है कि राजनीतिक दलों को गृह संपत्ति, अन्य स्रोतों से आय या दान से आय पर कर नहीं देना होगा। इसे वित्तीय वर्ष की कुल आय में नहीं जोड़ा जाएगा. हालांकि, शर्त यह है कि राजनीतिक दल को इस आय का ब्योरा रखना होगा और ऑडिट के लिए जमा करना होगा। 20 हजार रुपये से ऊपर के दान का रिकॉर्ड रखना होगा. इसके अलावा राजनीतिक दलों को 2 हजार रुपये से ज्यादा का चंदा नकद में नहीं लेना है.

आयकर से यह छूट तभी लागू होगी जब पार्टी का अधिकृत व्यक्ति या कोषाध्यक्ष चुनाव आयोग को चंदे का ब्योरा देगा। राजनीतिक दल को आयकर भुगतान की अंतिम तिथि से पहले यह घोषणा करनी होती है।

क्या राजनीतिक दलों को भी आयकर रिटर्न दाखिल करना पड़ता है?

यदि किसी राजनीतिक दल की आय धारा 13ए के तहत प्रदान की गई छूट सीमा से अधिक है, तो राजनीतिक दलों के लिए भी आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य हो जाता है। धारा 139 (4बी) में कहा गया है कि यदि किसी पार्टी की कुल आय आयकर छूट सीमा से अधिक है, तो पार्टी के सीईओ या शीर्ष अधिकारी को निर्धारित फॉर्म में रिटर्न दाखिल करना होगा।

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि बैंकों को IYC और NSUI के खातों से 65 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये आम बात है कि बीजेपी भी इनकम टैक्स नहीं भरती है. उन्होंने कहा कि साल 2018-19 में पार्टी को कुल 142.83 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें 14.49 करोड़ रुपये नकद थे. इसको लेकर कांग्रेस सांसदों और विधायकों की बैठक हुई. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने सिर्फ 14 लाख रुपये के नकद दान पर 210 करोड़ रुपये का टैक्स मांगा है.

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