उधार लेकर न करें इन चीजों का इस्तेमाल, मांगने से कभी नहीं जाएगी गरीबी आपके जीवन से
वास्तुशास्त्र में दिशाओं का महत्व न केवल विस्तार से बताया गया है बताने में लेकिन व्यक्ति के दैनिक जीवन के नियमों को लेकर भी कुछ नियम बनाए गए हैं। हमारे समाज में कई लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों से चीजें मांगते और इस्तेमाल करते हैं। वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार ऐसे में दूसरे की चीजें लेना और देना शुभ नहीं माना जाता है। नकारात्मक ऊर्जा उन लोगों में प्रवेश करती है जो दूसरों की चीजों को चाहते हैं और उनका उपयोग अपने लिए करते हैं। व्यक्ति के अंदर नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश के कारण उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जब लोग एक-दूसरे से चीजों का आदान-प्रदान करते हैं तो उनमें एक-दूसरे की ऊर्जा भी प्रवेश करती है। इस नकारात्मक ऊर्जा के कारण व्यक्ति को कई नई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वास्तु के अनुसार आज लेन-देन में किन बातों से बचना चाहिए?
आभूषण लेनदेन
खासकर यह अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं पार्टियों, पूजा, धार्मिक आयोजनों और शादी-ब्याह के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मैचिंग ड्रेस मंगवाकर दूसरे के गहने पहनती हैं। वास्तु शास्त्र में दूसरे लोगों के आभूषण मांगकर उन्हें धारण करना वर्जित माना गया है। यह ग्रहों को बुरी तरह प्रभावित करता है जो बदले में पहनने वाले को प्रभावित करता है। सेहत पर बुरा असर।
कलम और किताबों का आदान-प्रदान
ज्ञान किताबों और कलम से आता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार किताबें कभी भी उधार या उधार नहीं लेनी चाहिए। किताबें देने से ज्ञान प्राप्ति में बाधा आती है।
बूट-शू एक्सचेंज
वास्तु शास्त्र में जूते-चप्पल की अदला-बदली करना शुभ नहीं माना जाता है। किसी और के जूते या जूते उधार लेकर कभी न पहनें। कर्ज पर जूते-चप्पल पहनने वाले लोगों के जीवन में दरिद्रता आती है। ऐसा करने से दूसरों की नकारात्मक ऊर्जा खुद पर आ जाती है।
कंघा
कई लोग सेकेंड हैंड कंघी का इस्तेमाल करते हैं। यह आदत सेहत को तो नुकसान पहुंचाती ही है साथ ही इसका संबंध भाग्य से भी होता है।