डिजिटल रुपया डॉलर का शासन समाप्त होगा, वैश्विक व्यापार के लिए डिजिटल मुद्रा उपलब्ध
आरबीआई ने हाल ही में डिजिटल करेंसी पेश की है। इस ऐतिहासिक कदम से न केवल सरकार को डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी बल्कि अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को भी झटका लगेगा। जानकारों की माने तो अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस के विदेशी मुद्रा भंडार पर जिस तरह से प्रतिबंध लगाया था। इससे कई देशों को यह अहसास हुआ कि वे वैश्विक व्यापार के लिए डॉलर पर निर्भर नहीं रह सकते। डिजिटल करेंसी दुनिया भर के देशों की इस चिंता को कम कर सकती है।
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ईरान और अब रूस के दिखाए रास्ते का असर आने वाले दिनों में हो सकता है कि भारत अन्य देशों के साथ व्यापार में रुपये के विकल्प पर जोर देगा। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी का कहना है कि डिजिटल करेंसी सिस्टम में दक्षता लाएगी. भुगतान के तरीके में नया लचीलापन प्रदान करने के अलावा, यह विदेशी भुगतानों को भी बढ़ावा देगा सामाजिक और आर्थिक परिणामों से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है।डिजिटल रुपयों का उपयोग UPI, NEFT, RTGS, IMPS, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से भुगतान के लिए किया जा सकता है। यह पारंपरिक ऑनलाइन लेनदेन से अलग है।