भाषाओं को लेकर छात्रों के हक में सीएम घोषणा करें : केएन त्रिपाठी
मेदिनीनगर, 09 दिसम्बर राज्य के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कल, शुक्रवार को पलामू दौरे के दौरान प्रमंडल के युवाओं को भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका भाषाओं परीक्षाओं में जोड़ने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस वाजिब मांग को लेकर पलामू के युवाओं का समूह आंदोलित है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की नियुक्ति परीक्षाओं में भाषाओं के आधार पर उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सीएम से पलामू दौरे के दौरान युवाओं को भोजपुरी, हिंदी और मगही और मैथिली-अंगिका भाषाओं के छात्रों के हक में घोषणा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिंदी-अंग्रेजी भाषाओं को भी हटा दिया गया है।
सरकार ने कैबिनेट की बैठक में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के लिए कुल 12 क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं को चिन्हित कर स्वीकृति दी है। इसमें पलामू प्रमंडल के तीन जिलों तथा चतरा जिले में प्रमुखता से उपयोग की जाने वाली क्षेत्रीय भाषा भोजपुरी, हिंदी और मगही को शामिल नहीं किया गया है। भोजपुरी तथा मगही हिंदी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में सम्मिलित नहीं किए जाने से लोगों में काफी रोष है। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों तथा चतरा जिले के अभ्यर्थियों को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में भोजपुरी मगही तथा हिंदी भाषा को शामिल किया जाए। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में झारखंड राज्य से मैट्रिक व इंटर पास छात्र ही शामिल हो सकते हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि 15 नवंबर 2000 से झारखंड में निवास करनेवाले सभी अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए। राज्य के विभिन्न जिलों में भोजपुरी, हिंदी तथा मगही भाषा प्रमुखता से प्रचलन में है।