चंदा मामा अब दूर नहीं होंगे! अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने इसके लिए कर ली है तैयारी
…अब चंदा मामा ज्यादा दूर नहीं रहेंगे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसके लिए तैयारी कर ली है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम साल 2025 में चांद की गोद में होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि नासा की बड़ी योजना क्या है। नासा के इस प्लान पर कितना खर्च आएगा? कितने देश चाँद पर जाने की योजना बना रहे हैं? इससे पता चलेगा कि नासा के इस मैटरनिटी प्लान पर कितना खर्च किया जाएगा।
इन देशों की दिलचस्पी चांद में है
अमेरिका ही नहीं अन्य देशों की भी चांद में दिलचस्पी है। अमेरिका के साथ भारत, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया भी चंद्र अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा इस साल कई देश और कंपनियां अपने उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च करने जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल में चंद्रमा पर कोई अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है और न ही किसी देश ने चंद्रमा पर कोई मिशन भेजा है।
हालांकि अब हमें चांद से जुड़ी खबरें मिलती रहेंगी। कई देशों ने चांद के लिए खास योजना बनाई है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसी साल आर्टेमिस प्रोग्राम लॉन्च किया था। इसके तहत उन्होंने पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को चांद पर भेजा है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जरूरी उपकरण और आपूर्तियां चांद पर भेजी जा सकेंगी.
चांद पर अमेरिका की क्या योजना है?
1- नासा की चांद पर आर्टेमिस बेस कैप बनाने की योजना है जहां अंतरिक्ष यात्री रह सकें। इसके साथ ही नासा अंतरिक्ष में एक गेटवे भी बनाएगा, जहां अंतरिक्ष यात्री रुकेंगे और चंद्र सतह तक पहुंचने के लिए अपनी यात्रा पूरी करेंगे। इसमें एक अत्याधुनिक मोबाइल होम और एक रोवर शामिल होगा। इसके जरिए चांद पर अभूतपूर्व शोध अभियान चलाया जा सकता है। नासा के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का मकसद साल 2025 तक इंसानों को एक बार फिर चांद की सतह पर उतारना है। बहरहाल, नासा का यह मिशन यहीं खत्म नहीं होता, बल्कि यह अपने उद्देश्य की ओर पहला कदम है।
2- 1972 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चांद पर अपोलो मिशन भेजा था. 50 साल बाद मून मिशन लॉन्च किया जा रहा है। नासा ने इस बार अंतरिक्ष यान एरियन को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट एसएलएस बनाया है। 53 साल बाद अमेरिका एक बार फिर आर्टेमिस मिशन के जरिए चांद पर इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है। Artesi-2 को 2024 के आसपास लॉन्च करने की योजना है। इसमें कुछ अंतरिक्ष यात्री भी होंगे। हालांकि, अंतरिक्ष यात्री चांद पर पैर नहीं रखेंगे। ये चांद की परिक्रमा करने के बाद ही लौटेंगे। इस मिशन की अवधि लंबी होगी।
3- नासा का अंतिम मिशन आर्टेमिस-3 भेजा जाएगा। इसमें जाने वाले अंतरिक्ष यात्री चांद पर उतरेंगे। इस मिशन को 2025 तक लॉन्च किया जा सकता है। चांद पर पहली बार महिलाएं इस मिशन का हिस्सा बनेंगी। अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में मौजूद पानी और बर्फ की खोज करेंगे। मिशन के बारे में नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि हम सभी जो चांद को देखते हैं उस दिन का सपना देखते हैं कि इंसान फिर से चांद पर पैर रखेगा। उन्होंने कहा कि यह समय है कि हम फिर से वहां जाएं।
यह नासा की महत्वाकांक्षी योजना है। वर्ष 2012 से 2025 तक इस परियोजना पर 93 अरब डॉलर यानी करीब 7434 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रत्येक उड़ान पर 4.1 अरब डॉलर यानी 372 अरब रुपये खर्च होंगे। इस योजना पर अब तक 37 अरब डॉलर यानी 2,949 अरब रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
चाँद पर पानी के निशान
चांद पर पानी होने के संकेत हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर पानी ज्यादा है। चंद्रमा पर आधार कहां स्थित है यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि पानी कहां है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि चंद्रमा की सतह के लगभग 40,000 वर्ग किलोमीटर हिस्से में पानी हो सकता है। चांद की सतह पर मौजूद यह बर्फीले पानी की सतह चंद्र अर्थव्यवस्था की बुनियाद तैयार करने में मददगार साबित हो सकती है.