केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना, बदल गए हैं CGHS के नियम, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जानना है जरूरी, वरना इलाज कराते समय होंगे परेशान

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना की फीस बढ़ा दी है। सरकारी कर्मचारी CGHS के तहत रियायती दरों पर अपना इलाज कराते हैं। इलाज के अलावा सीजीएचएस के तहत कम दरों पर अस्पताल में कमरा, कुछ प्राइवेट अस्पताल में रियायती दरों पर इलाज आदि करा सकते हैं।
सीजीएचएस केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और चुनिंदा लाभार्थी ग्रुप के साथ आश्रितों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा देता है। CGHS का इतने लोग उठा रहे हैं फायदा CGHS योजना के माध्यम से 4.2 मिलियन से अधिक रजिस्टर लाभार्थी प्राइवेट अस्पतालों में रियायती दरों पर इलाज का फायदा उठा रहे हैं। सीजीएचएस 79 शहरों में फैला है और पंचकुला, हुबली, नरेला, चंडीगढ़ और जम्मू तक इसका विस्तार हो रहा है। 103 से अधिक आयुष केंद्र भी सीजीएचएस सर्विस का हिस्सा हैं।

CGHS की दरों में हो गया है रिविजन

1) OPD कंसल्टेशन चार्ज: हाल के बदलावों के बाद आउट पेशेंट विभाग  के शुल्क को 150 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है।

2) IPD कंसल्टेशन फीस: आईपीडी कंसल्टेशन फीस 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब ये बढ़कर 350 रुपये हो गई है।

3) आईसीयू चार्ज: आईसीयू सर्विसे के लिए 5,400 रुपये एक दिन के लिए देना होगा।

4) कमरे का किराया: कमरे का किराया 1.5 गुना बढ़ा दिया गया है। सामान्य कमरों के लिए 1,500, सेमी प्राइवेट वार्ड के लिए 3,000 रुपये और प्राइवेट कमरों के लिए 4,500 रुपये कर दिया है। सरकार का बढ़ जाएगा खर्च इन बदलावों से 240-300 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा खर्च बढ़ जाएगा। ये साल 2014 के बाद से इस तरह का पहला बदलाव है। सीजीएचएस के तहत 1,670 से अधिक प्राइवेट अस्पताल और 213 लैब्स लिस्ट में शामिल हैं। इसमें जिनमें मेदांता, फोर्टिस, नारायण, अपोलो, मैक्स और मणिपाल अस्पताल जैसी प्रमुख प्राइवटे अस्पताल शामिल है।

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