CAG: 26/11 आतंकी हमले के 14 साल बाद भी तटीय सुरक्षा मजबूत नहीं, सी गार्ड की जरूरतें भी अधूरी
देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने नौसेना की सभी तटीय संपत्तियों को सुरक्षित करने में देरी की आलोचना की है। कैग ने कहा कि 26/11 के मुंबई हमलों के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने तीन साल के भीतर देश के सभी तटीय इलाकों की सुरक्षा मजबूत करने का निर्देश दिया था, लेकिन इसमें 13 से 61 महीने की देरी हुई। इसके लिए संसाधन जुटा रहे हैं
राष्ट्रीय लेखाकार सीएजी ने तटीय सुरक्षा के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना स्थापित करने में देरी की। मुंबई हमलों के बाद उठाए गए ‘सागर प्रहरी बल को फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट प्रदान करने में 13 से 61 महीने की देरी हुई थी। जून 2021 तक भी कुछ बंदरगाहों के पास सुरक्षा के लिए जरूरी संसाधन नहीं हैं। फरवरी 2009 में जब सीसीएस ने उन्हें मंजूरी दी
सुरक्षा पर कैग की यह रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की गई। इसमें कहा गया है कि सीसीएस ने सागर प्रहरी के गठन के बाद तीन साल के भीतर नौसेना के सभी तटीय केंद्रों की सुरक्षा के निर्देश दिए थे। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्री गश्ती जहाजों को एफआईसी जारी करने में भारी देरी हुई है। अधिकारी स्तर के कर्मियों को भी पर्याप्त रूप से तैनात नहीं किया गया था।
26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने देश की तटीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। पाकिस्तानी आतंकियों ने इस हमले में 10 देशों के 28 विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की जान ले ली थी। ये आतंकी गुजरात के पोरबंदर तट से होते हुए मुंबई पहुंचे थे।
इन कमियों का जिक्र CAG ने भी किया है
कैग ने यह भी कहा है कि जिन बंदरगाहों पर ये तैनात हैं, वहां इन वाहनों का इस्तेमाल कम हुआ है. वहीं, बूस्ट गैस टर्बाइन को नौसेना द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक रखा गया था। बीजीटी की खरीद का आदेश देते समय उनके स्टॉक का ध्यान नहीं रखा गया, जिसके कारण नए बीजीटी की खरीद पर रु. 213.96 करोड़ का अतिरिक्त व्यय किया गया। इसी तरह, रक्षा मंत्रालय की 260-सप्ताह की ‘सैद्धांतिक स्वीकृति समयरेखा और 95-सप्ताह की अनुबंध पूर्णता अवधि के परिणामस्वरूप नौसेना के हेलीकाप्टरों की मरम्मत में अत्यधिक देरी हुई। जिससे हेलीकॉप्टर 10 साल से भी ज्यादा समय तक खड़ा रहा। रिपोर्ट में मंत्रालय के कई अन्य फैसलों में खामियों की ओर भी इशारा किया गया है।