Britain financial crisis: खराब हालत में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था, क्या यह वित्तीय संकट की भूलभुलैया में घुस पाएगी?
Britain financial crisis: डॉलर के मुकाबले पाउंड की हालत खराब है। फिर ब्रिटेन की नई सरकार का मिनी बजट चर्चा का विषय बन गया है। ब्रिटेन कभी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय गतिविधियों का केंद्र था लेकिन आज उसकी अर्थव्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
1950 से 1970 के दशक तक ब्रिटेन ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बार-बार खैरात ली। शायद यह फिर से हो सकता है। अब जबकि यूके एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था भी नहीं है, यहां तक कि आईएमएफ भी चुटकी महसूस कर सकता है।
Britain financial crisis: कम निजी निवेश संभवत: 2008 के वित्तीय संकट के बाद से ब्रिटेन के विकास को रोकने वाला एकमात्र सबसे बड़ा कारक रहा है। ऐसे में टैक्स दरों में कटौती से निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
ब्रिटिश सरकार अपनी नीतियों को आगे बढ़ा रही है, जैसे अमीरों के लिए कर में कटौती और ऊर्जा सब्सिडी। ऊर्जा सब्सिडी से ब्रिटेन के कर्ज के बोझ में अनुमानित £100 बिलियन का इजाफा होता है। ऐसे में ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री को आर्थिक झटके से बचने के लिए आर्थिक क्षेत्र में भारी सुधार करना होगा।