राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद भाजपा में होंगे बड़े बदलाव, प्रधान-गोयल को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
अगले हफ्ते बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सांगठनिक और चुनाव प्रबंधन को लेकर अहम बदलाव हो सकते हैं. इसका असर केंद्र और राज्यों के कई नेताओं पर पड़ेगा, जिन्हें नई चुनावी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि चूंकि लोकसभा सांसदों को चुनाव की तैयारियों के लिए समय मिल सकता है, इसलिए राज्यसभा सांसदों के ऊपर चुनाव प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारियां आ सकती हैं।
अगले साल अप्रैल-मई में आम चुनाव हो सकते हैं, लेकिन भाजपा की चुनाव तैयारी और प्रबंधन कार्यक्रम आकार लेने लगे हैं। 16-17 जनवरी को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भविष्य के चुनाव भी केंद्र में होंगे। इसमें इस साल होने वाले नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इसके साथ होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनाव शामिल हैं। जिसमें मुख्य जोर लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर रहेगा. जिन राज्यों में चुनाव नहीं हो रहे हैं वहां लोकसभा चुनाव की पूरी तैयारी की जा रही है.
प्रधान, गोयल और यादव को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अपने कुछ प्रमुख राज्यसभा नेताओं को लोकसभा चुनाव कराने से जुड़ी अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है. इनमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल प्रमुख हैं। इन नेताओं के पास संगठन और चुनाव प्रबंधन में सरकार के साथ काम करने का भी व्यापक अनुभव है। इसके अलावा राज्यसभा से करीब एक दर्जन अन्य प्रमुख नेताओं को भी चुनावी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
लोकसभा सांसदों और सरकार में एक से अधिक विभाग रखने वाले कुछ नेताओं की चुनावी जिम्मेदारियों को कम किया जा सकता है ताकि वे अपने चुनाव की बेहतर तैयारी कर सकें। गौरतलब है कि पार्टी लगभग 160 लोकसभा सीटों पर विशेष तैयारी कर रही है, जहां उसे पिछली बार हार मिली थी या जो उसकी कमजोर सीटें हैं. ऐसी कई सीटों पर काम कर रहे लोकसभा सांसद मंत्रियों का बोझ भी कुछ हद तक कम हो सकता है।