बाल कहानी – पुरानी चुड़ैल
एक समय में एक लड़की थी जो बहुत ज़िद्दी थी। यह लड़की अपने बड़ों का कहना कभी नहीं मानती थी- तो भला वह खुश कैसे रह सकती थी?
एक दिन इस लड़की ने अपने माता पिता से कहा, ‘मैंने पुरानी चुड़ैल के बारे में बहुत कुछ सुना है इसलिए मैं उससे मिलने जाउंगी। लोग कहते है वह बेहद अच्छी महिला है और उसके घर में बहुत सुंदर चीज़े भी है। मैं उन सभी चीज़ों को देखने के लिए काफी उत्साहित हूँ।’
लेकिन लड़की की बातें सुनकर उसके माता पिता उसे वहाँ जाने से रोकते है। उसके माता पिता ने उसे समझाया, ‘वह चुड़ैल बहुत चालाक है और वह बेहद बुरे काम करती है। अगर तुम उसके पास गई तो तुम हमारी बेटी नहीं होगी।’
यह सभी बातें सुनकर भी लड़की अपने माता पिता की बात नहीं मानती और चुड़ैल के घर चली जाती है। जब वह चुड़ैल के घर पहुँचती है तो बूढ़ी औरत उससे पूछती है-
‘तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो?’
लड़की ने जवाब दिया, ‘मैंने जो अभी देखा उससे मैं काफी डर गई हूँ।’
फिर बूढ़ी चुड़ैल ने पूछा, ‘तुमने क्या देखा?’
‘मैंने तुम्हारे कदमों पर काले आदमी को देखा। वह कोयला खोदने वाला था।’ लड़की ने जवाब दिया।
‘फिर मैंने एक और आदमी को देखा।’
‘वह खिलाड़ी था’, चुड़ैल ने जवाब दिया।
‘इसके बाद मैंने एक खून से भरे लाल आदमी को देखा।’
‘वह कसाई था’, चुड़ैल ने बताया।
लड़की ने आगे बढ़ते हुए कहा, ‘सबसे ज़्यादा मैं तब डर गई, जब मैंने तुम्हारी खिड़की से अंदर देखा तो तुम्हारी जगह मैंने किसी को देखा जिसके बहुत सारे सिर थे।’
‘फिर तो तुमने चुड़ैल को उसके असली अवतार में देख लिया।’ चुड़ैल ने लड़की से कहा।’ ‘मैंने तुम्हारे लिए काफी इंतज़ार किया और अब तुम मुझे रोशनी दोगी।’
इतना कहकर चुड़ैल ने छोटी लड़की को लकड़ी के टुकड़ै में बदल दिया और उससे आग जला ली। जब आग पूरी तरह जल गई तो चुड़ैल सिगड़ी पर बैठ गई और उसने कहा,
‘कितना अच्छा लग रहा है। काफी समय से इस तरह की आग जली नहीं थी।’