अमेरिका में एक और भारतीय ने रचा इतिहास, बने मैरीलैंड के गवर्नर
अमेरिका में एक और भारतीय ने इतिहास रच दिया है। अरुणा मिलर मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर बनी हैं। अरुणा मैरीलैंड की गवर्नर बनने वाली पहली अप्रवासी महिला हैं। अरुणा को डेमोक्रेटिक पार्टी ने उपराज्यपाल पद के लिए नामित किया था। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को हराकर गवर्नर हाउस में पहुंचने वाली पहली अप्रवासी महिला बनीं।
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने के बाद कुछ वर्गों ने अरुणा मिलर की आलोचना करना शुरू कर दिया। उन पर कई आरोप भी लगे। अरुणा ने इन आरोपों का खंडन किया। अब उन्होंने लेफ्टिनेंट गवर्नर की रेस भी जीत ली है.
अरुणा मिलर मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स की सदस्य भी रह चुकी हैं। उन्होंने 2018 में संसदीय चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें प्राइमरी में ही हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद इसी साल उन्हें राज्यपाल पद का उम्मीदवार बनाया गया।
उनकी नीतियों का ही असर है कि उन्हें इस चुनाव में जीत मिली है। विपक्षी गुट ने भी उनकी कड़ी आलोचना की, जिसे अरुणा ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। राज्यपाल के चुनाव में उनकी जीत ने सभी विरोधियों को खामोश कर दिया है। अब सबकी निगाहें उनकी नीतियों पर टिकी होंगी।
अरुणा मिलर का जन्म 6 नवंबर 1964 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। जब वे केवल 7 वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता अमेरिका आकर बस गए। वह अपने शुरुआती दिनों में न्यूयॉर्क में रह रहे थे। उनके पिता आईबीएम में मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में काम करते थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी न्यूयॉर्क में हुई। अरुणा मिलर ने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। उन्होंने कैलिफोर्निया में ट्रांसपोर्ट इंजीनियर के रूप में काम किया है। वह 1990 में न्यूयॉर्क से मैरीलैंड आई थीं। अरुणा मिलर वर्ष 2000 में अमेरिकी नागरिक बनीं। इसके बाद उनका रुख राजनीति की ओर हो गया। अब वे मैरीलैंड के गवर्नर चुने गए हैं।