नौकरीपेशा लोगों के लिए बेहतर विकल्प है डिस्टेंस एजुकेशन लेना, जाने पूरी जानकरी
अगर आप किसी कारणों से नियमित कॉलेज नहीं जा सकें हो तो डिस्टेंस एजुकेशन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। डिस्टेंस एजुकेशन से मिलने वाली डिग्री भी रेगुलर की तरह ही होती है जिसका इस्तेमाल आप अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। भारत जैसे देश में जहां आज भी बहुत सारे जिलों में कॉलेज या यनिवर्सिटीज नहीं हैं, वहां डिस्टेंस एजुकेशन का माध्यम खासा लोकप्रिय है। यह एक लचीला माध्यम है, जो छात्रों को पढ़ाई के दौरान दूसरे शौक को भी पूरा करने की छूट देता है। सबसे बड़ी बात यह कि यह कामकाजी और नौकरीपेशा वाले लोगों को भी उच्च शिक्षा की राह दिखा रहा है।
इन डिस्टेंस लर्निंग सेंटर में डिप्लोमा, बैचलर डिग्री और पीजी व मैनेजमेंट कोर्स चलाए जाते हैं। कई डिस्टेंस लर्निंग सेंटर प्रोफेशनल कोर्स भी संचालित करते हैं जो रोजगारोन्मुख होते हैं। इनमें जर्नलिज्म एंड मास निकेशन, लाइब्रेरी साइंस, कम्प्यूटर कोर्सेस आदि शामिल है।
ओपन यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना मुश्किल नहीं हैं। ये यूनिवर्सिटीज अपने नियमों के मामले में काफी लचीली होती हैं। यहां कोर्स की फीस भी अमूमन सामान्य संस्थानों के मुकाबले कम होती है। अकादमिक जानकारियों के लिए इन यूनिवर्सिटीज के कोर्स बेस्ट माने जाते हैं। कई यूनिवर्सिटीज में वीकएंड क्लासेज होती हैं, जिससे कामकाजी लोगों को सहूलियत होती है। पढ़ाई और नौकरी के बीच के समय का इस्तेमाल करने वालों के लिए ये यूनिवर्सिटीज ई-क्लास से लेकर छोटी अवधि वाली रेगुलर क्लासेज तक चला रही हैं।
इग्नू और डिस्टेंस एजुकेशन
जो युवा नियमित कॉलेज नहीं जा सकते हैं, उनके लिए पढ़ाई करने और करियर बनाने के लिए एक बेस्ट यूनिवर्सिटी है। इग्नू की पढ़ाई का तरीका अन्य पारंपरिक यूनिवर्सिटीज से अलग है। इग्नू ने पढ़ाई का एक मल्टीमीडिया नजरिया अपनाया है। विज्ञान, कम्यूटर, नर्सिंग, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में पाठ्यक्रम भी शामिल है। यहां बीए जनरल कोर्स के साथ ही बीएससी जनरल की पढ़ाई भी होती है, जिसमें गणित, भौतिकी, रसायन, बॉटनी और जूलॉजी जैसे विषय भी पढ़ाए जाते हैं। यहां बीकॉम भी है। इसके अलावा बीबीए इन रिटेलिंग, बैचलर ऑफ टूरिज्म स्टडीज, बैचलर ऑफ सोशल वर्क और बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन जैसे कोर्स हैं। इसके अलावा वोकेशनल ट्रेनिंग के रूप में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी है। यहां बीएड और डिप्लोमा इन एजुकेशन यानी डीएड कोर्स भी अब डिस्टेंस एजुकेशन में शामिल हो गया है।
डिस्टेंस एजुकेशन की ये हैं विशेषताएं
डिस्टेंस एजुकेशन में स्टूडेंट को नियमित तौर पर किसी संस्थान में जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं होती।
सूचना क्रांति और इन्टरनेट के कारण डिस्टेंस एजुकेशन और आसान एवं प्रासंगिक हो गयी है।
विजुअल क्लासरूम लर्निंग, इंटरैक्टिव ऑनसाइट लर्निंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्टूडेंट्स देश के किसी भी राज्य में रहकर घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं।
डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई करने की फीस काफी कम है।
जॉब करने के साथ-साथ पढ़ाई की जा सकती है।
कम अंक आने पर भी मनपसंद कोर्स में दाखिला मिल जाता है।
किसी भी कोर्स के लिए उम्र बाधा नहीं होती है।
साधारण कोर्स के साथ ही वोकेशनल कोर्स तथा प्रोफेशनल कोर्स भी किये जा सकते हैं।
ये हैं प्रमुख डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर्स:
इग्नू, दिल्ली
सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंट लर्निग, पुणे
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली
अन्नामलाई यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु
पांडिचेरी यूनिवर्सिटी, पुड्डुचेरी
हिमाचल यूनिवर्सिटी, शिमला
गुरु जंभेश्वर, हिसार
एमडीयू, रोहतक
पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी
सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी