हिंदी में पहली बार जारी होगा संयुक्त राष्ट्र का नोटिस, भारत के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने हिंदी भाषा के लिए भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को इसकी घोषणा की गई। इसके अलावा बंगाली और उर्दू भाषाओं को भी शामिल किया गया है। अब इन भाषाओं में भी संयुक्त राष्ट्र के सभी कार्य और महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत किए जाएंगे। भारत ने इस फैसले का समर्थन किया है।
इसके अलावा, अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं, जिनमें अंग्रेजी और फ्रेंच प्रमुख हैं।
यूएनजीए में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस थिरुमूर्ति ने कहा कि इस साल पहली बार प्रस्ताव में हिंदी भाषा को शामिल किया गया है, जिसमें बंगाली और उर्दू का भी जिक्र है। हम इन परिवर्तनों का स्वागत करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत 2018 से संयुक्त राष्ट्र वैश्विक संचार विभाग (डीजीसी) के साथ साझेदारी कर रहा है। यह संयुक्त राष्ट्र समाचार और मल्टीमीडिया सामग्री को हिंदी में मुख्यधारा में लाने और प्रसारित करने के लिए भी धन मुहैया करा रहा है।
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। इसके लिए, 2018 में ‘हिंदी-यूएन’ परियोजना शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की हिंदी भाषा तक सार्वजनिक पहुंच को बढ़ाना और दुनिया भर में हिंदी भाषी लोगों को अधिकतम सामग्री प्रदान करना था।
तिरुमूर्ति ने 1 फरवरी, 1946 को पहले सत्र में अपनाए गए UNSC संकल्प 13 (1) का भी उल्लेख किया। इसमें कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र अपने लक्ष्यों को तब तक हासिल नहीं कर सकता जब तक कि दुनिया के लोग इसके लक्ष्यों से पूरी तरह वाकिफ न हों। उन्होंने आगे कहा कि यह अनिवार्य है कि संयुक्त राष्ट्र में बहुभाषावाद को सही अर्थों में अपनाया जाए और भारत इसे प्राप्त करने में संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करेगा।