centered image />

गिलोय का प्रयोग कई भयानक बीमारियों को दूर करता है

0 270
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

स्वास्थ्य समाचार: आयुर्वेदिक उपचार प्रणाली में कई जड़ी-बूटियां हैं जिनका उपयोग विभिन्न बीमारियों के सफलतापूर्वक और बिना किसी दुष्प्रभाव के इलाज के लिए किया जा सकता है। हालांकि, आधुनिक एलोपैथी से इलाज बहुत महंगा है और इसके साइड इफेक्ट भी होते हैं।

ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है चमक जो कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। यह चौड़ी पत्ती वाली लता आमतौर पर हमारे आसपास पाई जाती है। ग्लो को गरुची और अमृता के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया है। इसकी पत्तियों का उपयोग भारत में प्राचीन काल से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इसके तने और पत्तियों को भी कुचल दिया जाता है। यह ज्यादातर सच के रूप में प्रयोग किया जाता है।

चमक की लता को काटा जाता है और उसमें से सच्चाई तैयार की जाती है। चमक को गुणों की खान कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। इसका उपयोग बुखार, टाइफाइड, सूजन और कई अन्य बीमारियों से बहुत जल्दी छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है। ग्लो में मधुमेह को नियंत्रित करने की भी क्षमता होती है। यह गठिया के लिए भी प्रभावी है। चमक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इस अमृत जैसी जड़ी-बूटी के प्रयोग से श्वास रोग और दमा से पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है। त्वचा रोगों से छुटकारा पाने के लिए नीम और आंवले को एक साथ लिया जा सकता है।

सोरायसिस, एक्जिमा और यहां तक ​​कि कुष्ठ रोग को भी चमक से ठीक किया जा सकता है। ग्लो पाउडर और पाइन पाउडर को बराबर मात्रा में लेकर उसमें गूगल मिक्स कर लें। यह दवा गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन को खत्म कर देगी। बेहतर परिणाम के लिए दिन में दो बार प्रयोग करें। सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी को भी ग्लो के इस्तेमाल से पूरा किया जाता है।

स्वाइन फ्लू को खत्म करने के अलावा मलेरिया को वायरस के प्रसार से भी रोका जा सकता है। इसके चूर्ण को शहद में मिलाकर खाने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। आंवले के चूर्ण या मुरब्बे के साथ ग्लो पाउडर मिलाकर पीने से गैस की समस्या दूर होती है।

बवासीर जैसी दर्दनाक बीमारी के इलाज के लिए भी ग्लो का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक बीमारियों से भी छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है। मानसिक परेशानी होने पर ग्लो, अश्वगंधा और सातवर का मिश्रण लेना चाहिए। ग्लो में शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उम्र बढ़ने के प्रभावों का प्रतिकार करने की क्षमता होती है। हालांकि ग्लो के गुणों की सूची लंबी है और इसके इस्तेमाल से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है, फिर भी इसे गर्भवती महिलाओं और बच्चों को डॉक्टरी सलाह के अनुसार ही देना चाहिए।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.