कोरोना की दहशत के बीच ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढे
कोरोना की देहशत के बीच में ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ गए हैं। आईजीआईएमएस, पीएमसीएच जैसे सरकारी अस्पतालों के आईसीयू मरीजों से भरने लगे हैं। निजी अस्पतालों में भी इन मरीजों की संख्या 80 प्रतिशत बढ़ी है। अचानक से दिमाग की नस फट रही है और आनन फानन में मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि अचानक से ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ना चिंताजनक है। आईसीयू में वैसे भी बेड की संख्या कम है और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ने के बाद सरकारी अस्पतालों में विषम स्थिति खड़ी हो जाएगी। अधिकतर निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने में मनमानी कर रहे हैं, जिससे सरकारी अस्पतालों की आईसीयू में भीड़ बढ़ रही है। इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा समय में हर कोई लॉकडाउन में है। घरों में कैद लोगों का दायरा सीमित हो गया है और उन्हें संक्रमण का डर भी सता रहा है। इस कारण से रूटीन चेकअप और दवाओं में लापरवाही हो रही है। बिगड़ी दिनचर्या और उस पर तनाव जान पर भारी पड़ रहा है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
चेहरे बाजू और पैर में अचानक कमजोरी, अचानक बोलने व समझने में कठिनाई, अचानक से एक या दोनों आंखों से दिखाई नहीं देना,चलने फिरने में कठिनाई के साथ अचानक शरीर का संतुलन बिगड़ जाना, बिना कारण अचानक तेज सिर दर्द उठना आदि।
तनाव में फट रहीं नसें
समय हॉस्पिटल के न्यूरो फिजीशियन डॉ.अखिलेश सिंह का कहना अचानक से संख्या बढ़ी है। आईसीयू में 80 प्रतिशत ब्रेन स्ट्रोक के ही मरीज हैं। अन्य निजी अस्पतालों का भी यही हाल है। अस्पताल संचालकों ने बताया कि कोरोना को लेकर लोगों में बेवजह का तनाव है और यही दिमाग की नसों के फटने का कारण है।