आखिर कैकेयी ने राम को सिर्फ 14 साल का ही वनवास क्यों दिया था , आज जानें सच
एक समय की बात है जब देवताओं और दानवों के बीच युद्ध हो रहा था उसी समय राजा दशरथ देवताओं की मदद करने गए थे। उनके साथ कैकेयी भी थी। युद्ध के समय दशरथ के रथ का धुरा टूट गया लेकिन कैकेयी ने धुरे में अपना हाँथ लगा दिया जिससे धुरा टूटने से बच गया। यद्ध समाप्त होने पर दशरत ने कैकेयी की इस बहादुरी पर उनको 2 वरदान मांगने को कहा। कुछ समय बाद कैकेयी ने राम को 14 साल वनवास और भरत राज सिंहासन की मांग की। अब बात आती है की 14 साल ही क्यों?
SBI बैंक में निकली 10th-12th के लिए क्लर्क भर्ती- लास्ट डेट : 26 जनवरी 2020
RSMSSB Patwari Recruitment 2020 : 4207 पदों पर भर्तियाँ- अभी आवेदन करें
AIIMS भोपाल में निकली नॉन फैकेल्टी ग्रुप A के लिए भर्तियाँ – अभी देखें
सरकारी नौकरी करने के लिए बंपर मौका 8वीं 10वीं 12वीं पास कर सकते हैं आवेदन
रामायण की कहानी त्रेतायुग के समय की है अगर उस समय कोई राजा 14 वर्षों के लिए अपना राजपाट छो़ड़ देता था। तो वह दोबारा राजा नहीं बन सकता है। इसलिए कैकेयी ने सोच समझ कर ही राम के लिए 14 वर्ष का वनवास माँगा था। क्योकि 14 वर्ष राजपाट से दूर रहने के बाद वह राजा नहीं बन सकते थे।
लेकिन भरत ने उस राजगद्दी को वैसे ही छोड़ दिया और खुद वनवासियों जैसा जीवन बिताने लगे और राम के वापस आने पर राम को राजपाट सौंप दिया था। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो कमेंट में जय श्री राम जरूर लिखें