2022-23 की चौथी तिमाही में यस बैंक के मुनाफे में 45 फीसदी की गिरावट

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एक तरफ जहां अमेरिकी बैंकों के धराशायी होने से वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में बैंकिंग सेक्टर पर काले बादल छा गए हैं.मुनाफे में भारी गिरावट आई है। जनवरी से मार्च तिमाही में बैंक के नेट में 45 फीसदी की गिरावट आई है। यह बैंकों से खराब ऋणों के लिए बढ़ते प्रावधानों के कारण है।

इस दौरान यस बैंक का प्रावधान और आकस्मिक व्यय 2.71 अरब रुपये से बढ़कर 6.18 अरब रुपये हो गया। एक साल पहले बैंक का एनपीए 13.93 फीसदी के निचले स्तर पर था।

यस बैंक की शुद्ध ब्याज आय बढ़ाएँ

यस बैंक की शुद्ध ब्याज आय, ऋण देने से ब्याज आय और जमाकर्ताओं को भुगतान के बीच का अंतर, 15.7% बढ़कर 21.05 अरब रुपये हो गया। निजी ऋणदाता का शुद्ध अग्रिम खुदरा ऋण के नेतृत्व में साल-दर-साल 12.3% बढ़ा, जबकि जमा 10.3% बढ़ा। यस बैंक के ऋणों में साल-दर-साल 12.3% की वृद्धि हुई, जिसमें खुदरा ऋणों का योगदान सबसे अधिक रहा। बैंक जमा में 10.3% की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले कुछ वर्षों से संकट से बाहर आने की कोशिश कर रहे यस बैंक का लाभ प्रदर्शन चिंता का कारण हो सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस स्थिति से निपटने के लिए बैंक के नीति निर्माता क्या रणनीति अपनाते हैं।

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