सूर्य जैसा अपार तेज पाने के लिए आज रविवार के दिन करें भगवान श्री सूर्य की उपासना
रविवार के दिन सूर्य उपासना करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है भगवान सूर्य की आराधना से कीर्ति, यश, सुख, समृद्धि, धन, आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य, तेज, कांति, विद्या, सौभाग्य और वैभव की प्राप्ति होती है।
भगवान श्री सूर्य को हिरण्यगर्भ भी कहा जाता है हिरण्यगर्भ अर्थात् जिसके गर्भ में ही सुनहरे रंग की आभा है भगवान श्री सूर्य देव आदि कहे जाते हैं।
मान्यता है कि ब्रह्मांड की रचना के पहले हर ओर अंधकार था फिर इस सृष्टि के रचनाकार भगवान ने अपने प्रभाव से एक आवरण सामने लाये इसमें असीम ऊर्जा थी यह दीप्त था इसके प्रभाव से सारा अंधकार नष्ट हुआ इस हिरण्यगर्भ से ध्वनि हुई और इसी के साथ अन्य देवी – देवता उत्पन्न हुए देवी देवता के बाद इस सृष्टि पर ईश्वर ने अपने स्वरूप को अलग – अलग तरह से प्रकट किया इस तरह से संसार की रचना हुई।
इसलिए भगवान के ही साक्षात् स्वरूप के तौर पर सूर्य देव को देखा जाता है प्रत्येक व्यक्ति भगवान के स्वरूप में सूर्य देव के ही दर्शन करता है इसे भगवान सूर्य का ही दिन माना जाता है। ।
भगवान सूर्य संकटों से रक्षा भी करते हैं सूर्य देव की कृपा से जातक को शुक्ल पक्ष के रविवार को गुड़ और चांवल नदी में प्रवाहित करना चाहिए जातक यदि तांबे के सिक्के नदी में प्रवाहित करे और रविवार के दिन अपने हाथ से मीठा व्यंजन बनाकर अपने परिवार और गरीब को खिलाए तो यह और भी उत्तम होता है।
रविवार के दिन गुड़ का भोग लगाना भी फायदेमंद होता है सूर्योदय के समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी बेहत उपयोगी होता है रविवार के दिन तेल, नमक न खाने से भी लाभ मिलता है।